वेस्टइंडीज क्रिकेट के स्टार क्रिकेटर निकोलस पूरन ने अपने फैंस को एक बड़ा झटका दिया है. उन्होंने महज 29 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. यह खबर क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पूरन को मॉडर्न क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है.हालांकि, वह फ्रेंचाइजी क्रिकेट में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी का जलवा बिखेरते रहेंगे.
अचानक किया संन्यास का ऐलान
निकोलस पूरन का जन्म 2 अक्टूबर 1995 को त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2016 में वेस्टइंडीज के लिए टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से की थी. जल्द ही उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग की क्षमता ने उन्हें टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया. पूरन ने वनडे और टी20 फॉर्मेट में वेस्टइंडीज के लिए कई यादगार पारियां खेलीं. उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाने की काबिलियत ने उन्हें फैंस का चहेता बना दिया.
पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए 61 वनडे मैचों में 39.66 की औसत से 1983 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं, टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 106 मैचों में 2275 रन बनाए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 136.39 का रहा. इसके अलावा, वह एक शानदार विकेटकीपर भी रहे, जिन्होंने कई शानदार स्टंपिंग और कैच लपके. बता दें, पूरन के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाड़ आ गई है. कुछ फैंस का मानना है कि पूरन ने ये फैसला पैसों की वजह से लिया है. दरअसल, इंटरनेशनल क्रिकेट के मुकाबले फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उन्हें ज्यादा कमाई होती है. वह वेस्टइंडीज के लिए सिर्फ बड़े मौके पर ही खेलते हुए नजर आए थे.
निकोलस पूरन ने संन्यास का ऐलान करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘काफी सोच-विचार के बाद मैंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. यह खेल जिसे हम प्यार करते हैं, उसने हमें बहुत कुछ दिया है और देता रहेगा – खुशी, उद्देश्य, कई यादें और वेस्टइंडीज टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका. मैरून रंग की जर्सी पहनना, राष्ट्रगान के लिए खड़ा होना और हर बार मैदान पर कदम रखते ही अपना सबकुछ देना… शब्दों में बयां करना मुश्किल है कि यह मेरे लिए वास्तव में क्या मायने रखता है. कप्तान के रूप में टीम का नेतृत्व करना एक ऐसा सम्मान है, जिसे मैं हमेशा अपने दिल के करीब रखूंगा. फैंस को उनके अटूट प्यार के लिए धन्यवाद. आपने कठिन पलों में मुझे संभाला और अच्छे पलों को बेजोड़ जुनून के साथ मनाया. मेरे परिवार, दोस्तों और टीम के साथियों को मेरे साथ इस यात्रा पर चलने के लिए धन्यवाद. आपके विश्वास और समर्थन ने मुझे इस सब में आगे बढ़ाया.’