भगवान शिव का प्रिय महीना सावन इस साल 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान भोले के भक्त पूरे महीने और विशेषतौर पर सोमवार के दिन पूरी श्रद्धा से उनकी आराधना करते हैं।कहते हैं कि सावन के समय स्वंय भोलेनाथ कैलाश छोड़कर धरती पर आते हैं और सृष्टि का संचालन करते हैं। इस दौरान उनकी पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस दौरान भक्त श्रद्धा से सावन का व्रत रखते हैं। मनचाहे वर को पाने के लिए कुंवारी कन्याएं सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। कांवड़ यात्रा निकलती हैं और भोलेनाथ का जल से अभिषेक किया जाता है। इस पुण्य महीने में भोलेनाथ के कुछ दिव्य मंत्रों का जाप करने से उनकी कृपा मिलती है।
इन 3 मंत्रों का करें जाप
पंचाक्षरी मंत्र- ॐ नमः शिवाय।
इस मंत्र का अर्थ है कि मैं भगवान शिव को नमन करता हूं। यह मंत्र जितना सरल है, उतना ही प्रभावी भी है। इसके लगातार जाप करने से मानसिक शांति मिलती है। जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और नकारात्मकता समाप्त होकर नई संभावनाओं के मार्ग बनने लगते हैं।महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
इस मंत्र का अर्थ है कि हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और पोषण करने वाले हैं। जैसे पका हुआ फल अपनी डाली से अलग हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु के बंधन से छूटकर अमरता प्राप्त करें। इस मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति या जिसके लिए इस मंत्र का जाप किया जा रहा है, वह दीर्घायु होता है।
इस मंत्र के जाप करने से बीमारियों, दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिलती है। यह शिवजी का सबसे शक्तिशाली और कृपा देने वाला मंत्र है।
शिव गायत्री मंत्र- “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि.तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”
इस मंत्र का अर्थ है कि हम भगवान महादेव का ध्यान करते हैं, जो ज्ञान के परम स्रोत हैं। वे हमें आध्यात्मिक शक्ति और बुद्धिमत्ता प्रदान करें। इस मंत्र का जाप करने से आत्मज्ञान मिलता है। मानसिक शांति मिलती है और निर्णय लेने में कोई परेशानी आने पर इस मंत्र के प्रभाव से मार्गदर्शन मिलने लगता है।
इस मंत्र का अर्थ है कि हम भगवान महादेव का ध्यान करते हैं, जो ज्ञान के परम स्रोत हैं। वे हमें आध्यात्मिक शक्ति और बुद्धिमत्ता प्रदान करें। इस मंत्र का जाप करने से आत्मज्ञान मिलता है। मानसिक शांति मिलती है और निर्णय लेने में कोई परेशानी आने पर इस मंत्र के प्रभाव से मार्गदर्शन मिलने लगता है।