खैरागढ़ : लोक निर्माण विभाग द्वारा बिना पेंचवर्क किए ही सडक़ों की मरम्मत संधारण में 13 लाख रुपए के गबन मामले में कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जांच समिति को दोबारा जांच करने के निर्देश दिए हैं। माह भर पहले ही इसी जांच दल द्वारा जांच के बाद ब्लॉक की 7 सडक़ों में बिना मरम्मत कार्यए पेंचवर्क और रिपेयरिंग किए बिना ही 13 लाख 33 हजार रुपए की फ र्जी बिल निकाले जाने की पुष्टि करते हुए जांच प्रतिवेदन तत्कालीन कलेक्टर डॉ जगदीश सोनकर को सौंपा था। मामले में लोनिवि के ईई, एसडीओ सहित तीन उपअभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। सप्ताह भर से अधिक समय तक हीला हवाला करने के बाद कलेक्टर बदलते ही लोनिवि अधिकारियों ने अपना जबाव देते मामले में जांच के दौरान जांच समिति द्वारा लोनिवि अधिकारियों की उपस्थिति में जांच नहीं किए जाने का हवाला देते सामने में जांच कराने निवेदन किया था।कलेक्टर ने फि र से वही जांच दल को लोनिवि अधिकारियों की उपस्थिति में दोबारा जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। जांच समिति म्रें खैरागढ़ एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत, पीएमजीएसवाई राजनांदगांव ईई जीके कश्यप, सहायक अभियंता ईश्वर डोनाडे, मनरेगा जिला अधिकारी प्रकाश तारम, जनपद पंचायत के उपअभियंता धर्मेन्द राजपूत और आरईएस के उपअभियंता सौरभ ताम्रकार शामिल हैं।
अपने बचाव के लिए सक्रिय हैं अफसर
तत्कालीन कलेक्टर डा सोनकर के आदेश के बाद जांच समिति द्वारा सडक़ों की मरम्मत, पेंच रिपेयरिंग में व्यापक गड़बड़ी की जांच के दौरान समिति के सामने से आने से लोनिवि के अधिकारी लगातार बचते रहे। जांच के दौरान आधा दर्जन से अधिक सडक़ों की मरम्मत में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। 11 अप्रैल को जांच समिति ने अपनी जांच रिर्पोट और इसमें 13 लाख 33 हजार रुपए का घोटाला करने की पुष्टि कर कलेक्टर को सौंपा दिया। इसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी होने और तीन दिन में जवाब देने की बजाय लोनिवि के अधिकारी गड़बड़ी वालें सडक़ों की रातों रात मरम्मत और संधारण करने मे जुट गए।
एसडीएम ने डंपर को जब्त किया था
पिपरिया मुंहडबरी मार्ग में जांच रिर्पोट पेश होने के बाद डामरीकरण के लिए डामर ले जाते डम्पर को एसडीएम प्रकाश राजपूत ने खुद पकड़ा और थाने के सुपुर्द किया। ऐसे ही देवारीभाठ मार्गए पेन्ड्री दपका मार्गए कवर्धा पोड़ी मार्गए कुकुमुड़ा सिंघौरी मार्गए शेरगढ़ बफरा मार्गए अतरिया मार्ग में किया गया। रातों रात मरम्मत कार्य पूर्ण कराने के बाद कार्यवाही से बचने लोनिवि अधिकारियों ने जवाब पेश करते जांच के दौरान दोबारा माप उनके सामने किए जाने का अनुरोध किया था।अधिकारियों की उपस्थिति में होगी अब जांच
कलेक्टर वर्मा ने 12 मई को पुरानी जांच समिति को ही लोनिवि के अधिकारियों की उपस्थिति में जांच करने के निर्देश देते मेजरमेंट शीट उपलब्ध कराते हुए माप पुस्तिका में दर्ज कार्य का फि र से निरीक्षण एवं सत्यापन कर स्पष्ट अभिमत के साथ प्रतिवेदन जल्द ही प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि जांच के दौरान सडक़ों की बिना मरम्मतए बिना पेंच रिपेयरिंग के फर्जी बिल और माप पर लोनिवि ने लीपापोती का पूरा प्रयास किया है। बताया गया कि अधिकारियों के साथ कार्यवाही से बचने कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी दबाव बनाने प्रयास शुरू हो गया है। अब जांच समिति की दोबारा जांच में कितनी गड़बड़ी निकल पाती है।