धमतरी। राज्य और केन्द्र सरकार गरीबो को सिर छुपाने के लिए पीएम आवास मुहैया करा रही है, लेकिन धमतरी में ग्राम पंचायत और अधिकारियो की उदासनीता के चलते एक गरीब परिवार खुले आसमान में रहने को मबजूर है। ताज्जुब की बात ये है कि उस गरीब परिवार का मकान नंबर को एक पेड में अंकित किया गया है। ऐसे में यह परिवार आवास के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। दरअसल, कुरूद विकासखंड के ग्राम बगदेही निवासी खेमू साहू झोपडीनुमा एक कच्ची मकान में रह रहा था, लेकिन चार माह पहले उसके घर में आग लग गई। आग लगने से घर का पूरा सामान जलकर राख हो गया, वहीं कुछ साल पहले उसकी मां की देहांत होने के बाद पिता भी उसे और उसके छोटे भाई को छोड कर कही चला गया। तब से खेमू साहू और उसका भाई रोजी मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे है।
गौरतलब है कि मुफलिसी में जीवन गुजार रहे खेमू के सिर पर छत नहीं है। साल में कई दिन ऐसा भी आता है कि खेमू को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाता। बता दे कि खेमू को जिस दिन काम मिलता है उस दिन उसके घर में चूल्हा जलता है। नही तो खाली पेट ही सोना पडता है। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि खुद के सिर छुपाने के लिए घर बना सके, जहां पर खेमू रहता है। आसपास सांप बिच्छू निकलते रहता है। ऐसे में उसे हर पल जान का खतरा बना रहता है। खेमू ने बताया कि पीएम आवास के लिए पंचायत से लेकर अधिकारियों को कई बार आवेदन दे चुके है, लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी।
केन्द्र सरकार ने गरीबों को खुद का आशियाना देने के लिए पीएम आवास योजना लेकर आई है और इस योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और अधिकारियों को दी है, लेकिन पंचायत और अधिकारियों की उदासीनता के चलते आज खेमू खुले आसमान में जीवन बिता रहा है। इस मामले में गांव के सरपंच का कहना है कि खेमू को आवास दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है, जबकि इस मामले में एसी वाले कमरे में बैठे अफसर का कहना है कि खेमू साहू पीएम आवास के लिए पात्र ही नहीं है।
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि जिसके पास एक इंच जमीन नहीं और रोजी मजदूर कर जीवन यापन करने वाले को ही इस योजना से वंचित कर दिया गया है तो किसे इस योजना का लाभ दिया जायेगा। ये एक बडा सवाल है। धमतरी जिले में पीएम आवास के लिए कई ऐसे पात्र हितग्राही है जो पंचायत और अधिकारियों की लापरवाही के कारण से सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित है। अधिकारी एसी वाले कमरे में बैठ कर पात्र-अपात्र कर रहे है। बहरहाल अब देखना होगा की खेमू साहू को आशियाना मिल पाता है कि नहीं।