तिल्दा-नेवरा : नकली सोने को असली बताकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को तिल्दा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वही गैंग का मुख्य सरगना अभी फरार है। ये सभी नकली सोने को असली बताकर लोगों को चुना लगाते थे, लेकिन इस बार इन लोगों का दांव उल्टा पड़ गया और पुलिस ने इनको दबोच लिया। पुलिस गिरफ्त में आए तीनों आरोपी भिलाई क्षेत्र के रहने वाले हैं। तीनो आरोपी इसके पहले मारपीट छेड़खानी व अन्य मामलों में जेल जा चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 लाख 15 हजार नगद, नकली सोने के जेवरात, एक मोबाइल और दो पहिया वाहन भी जप्त किया है।
दरअसल, तिल्दा से 9 किलोमीटर की दुरी पर स्थित ग्राम किरना निवासी होमेश सोनी की गांव में कपड़े की दुकान है। इसके साथ ही होमेश सोने चांदी के जेवर भी बेचता है। 2 जून की सुबह 9 बजे होमेश को 8260643316 नंबर से एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया और उसने होमेश को बताया कि खुदाई में उसे सोना मिला है जिसे वह बेचना चाहता है। होमेश ने उनकी बात को टालते हुए कॉल काट दिया। इसके बाद 8 जून को फिर उसी व्यक्ति ने होमेश को कॉल किया और कहा कि आप पहले सोने के जेवर को देख लेवे शुद्ध सोना होने का विश्वास दिलाकर उसे अपने झांसे में ले लिया और तिल्दा स्टेशन चौक की एक होटल पर बुलाया। कुछ ही देर में होमश सोनी उनके बताए पते पर पहुंच गया, दोनों के बीच बातचीत होने के बाद उस अज्ञात व्यक्ति ने जेब में रखे सोने का हार निकालकर उनके हाथ में दे दिया। जिसे देख हो,होमेश विश्वास हो गया कि सोना असली है, लेकिन वह आते वक्त पैसे लेकर नहीं आया था इसीलिए उसने हार वापस कर दिया।
इसके बाद 10 जून को एक नए मोबाइल नंबर 7205849781 से होमेश सोनी कॉल आया। कॉल रिसीव करने पर उस व्यक्ति में बताया कि वह हार लेकर तिल्दा स्टेशन चौक पर उसी होटल में पहुंच गया हैं, उमेश ने बिना देर किए गल्ले में रखे रुपए उठाए और तिल्दा आ गया। इस बार उस अज्ञात व्यक्ति के साथ एक और व्यक्ति था जिसे उसने अपना भाई बताया वह उसे होटल से कुछ दूर ले गया और दानेदार सोने का हार निकालकर उसे दे दिया। हार लेने के बाद होमेश ने 4 लाख 18 हजार रुपए दोनों व्यक्ति को दे दिए। इसके बाद दोनों वहां से निकल गए। लेकिन जब होमेश ने हार की जांच करवाई तो उसे पता चला की हार नकली है और उसके साथ ठगी हुई है।
खुद के साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर तिल्दा थाने पहुंचा और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। FIR दर्ज होने के तुरंत बाद थाना प्रभारी सुदर्शन ध्रुव ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के साथ एंटी क्राइम और साइबर यूनिट को दी। इसके बाद टीआई सुदर्शन ध्रुव टीम के साथ आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। कई लोगों से पूछताछ भी की आखिर में पुलिस आरोपियों तक पहुचने में सफल हो गई।