अंबिकापुर। एक अनार सौ बीमार कुछ इसी कहावत में अंबिकापुर भाजपा उलझ गई है क्योंकि अंबिकापुर सीट में हार का सूखा दूर करने भाजपा जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में है, मगर यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त ने भाजपा के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। आलम ये है कि भाजपा के कई दावेदार एक ही वाल पर अपना अपना प्रचार कर दावेदारी करते नजर आ रहे है।
अबकी बार भाजपा सरकार.. विनीत आलोक दुबे ये कोई एक दावेदार नहीं बल्कि गोपाल सिन्हा, राजेश अग्रवाल, मुकेश गोस्वामी, अखिलेश सोनी, विकास पांडे जैसे अम्बिकापुर सीट से भाजपा के लिए कई दावेदारों के नाम इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए है। वजह एक ही दीवार पर कई दावेदारों का प्रचार। दरअसल अम्बिकापुर सीट पर लगातार कांग्रेस के टीएस सिंह देव चुनाव जीतते आ रहे है तीन बार हार के बाद भाजपा को एक ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो उसके हार के सूखे को दूर कर सके, मगर भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची ने भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि भाजपा इसे चिंता मानने के बजाय कार्यकर्ताओं का उत्साह बता रही है।
अंबिकापुर की सीट में भाजपा की तरफ से तीन बार अनुराग सिंह देव चुनाव लड़ते आये है हालांकि उन्हें तीनो ही बार मे हार का सामना करना पड़ा है मगर अब भी वो एक दावेदार माने जा रहे है ऐसे में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त में भाजपा अपना उम्मीदवार किसे बनाएगी ये तो आने वाले समय मे ही पता चल सकेगा मगर भाजपा का कहना है कि इस बार टीएस सिंह देव जनता के सामने फेल हो चुके है और इस बार भाजपा इस सीट पर जीत का दावा कर रही है।
बहरहाल जिस तरह से एक ही दीवार पर भाजपा के कई नेता प्रचार कर रहे है उनमें आपस मे इतनी ही एकता है ये कहना थोड़ा मुष्किल है और वो आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए कितना जोर लगा पाते है इसका खुलासा आने वाले समय मे होगा मगर आपसी खींचतान भाजपा में ज्यादा हावी है यही कारण है कि नेता अपनी अपनी दावेदारी दिखाने लगे है। देखना होगा कि इसका भाजपा को फायदा होता है या नुकसान, मगर दावेदारी का ये तरीका इन दिनों चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है।