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बेटे को इंसाफ दिलाने मां ने लगाई गुहार, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने दिए कार्रवाई के निर्देश

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रायपुर :  अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए एक मां ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया है, जहां सुनवाई के दौरान आयोग के अध्यक्ष ने मामले में निष्पक्ष कारवाही करते हुए आरोपियों को सजा दिलाने का आश्वाशन दिया है। वहीं मामले में जाँच जारी है।

दरअसल 17 जून 2020 को बलरामपुर जिले के बरियों क्षेत्र में क्रेशर मशीन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई थी। उसके शरीर के कई टुकड़े हो गए थे। शव मिलने की जानकारी मिलने पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने क्रेशर मशीन में मौजूद मजदूरों व अन्य लोगों से शव की शिनाख्ती की कोशिश की लेकिन शव के क्षत -विक्षत हो जाने से उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। जिसके बाद प्रशासन द्वारा उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

लक्षमनिया के बेटे के रूप में हुई पहचान

आवेदिका लक्षमनिया ने 23 फरवरी 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत करते हुए बताया कि 17 जून 2020 को उसने अपने बेटे के गुम होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई, जिसपर पुलिस युवक की तलाश में जुट गई, उसी दिन पुलिस ने क्रेशर मशीन में मिली अज्ञात लाश को लक्षमनिया के बेटे के होने की आशंका जताई, जिसपर आवेदिका के नहीं मानने पर लक्षमनिया और मृतक शिवनारायण की बेटी का DNA लिया गया, जिसके 5 महीने बाद रिपोर्ट आने पर आवेदिका के बेटे के होने पुष्टि हो पायी, तब आवेदिका ने पुलिस को बताया कि उसके मृतक बेटे शिवनारायण ने क्रेशर मशीन मालिक विनोद अग्रवाल से धूल उड़ने पर अप्पत्ति जताई थी, जिसपर अग्रवाल ने अपनी जमीन बेचने की बात कही, शिवनारायण ने यह जानकारी अपनी मां को दी, मां लक्षमनिया ने जमीन नहीं बेचने की बात कही, जिसके बाद विनोद अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुए मृतक शिवनारायण को धमकी देते हुए कहा कि धूल उड़ने पर अप्पत्ति जाता रहे हो और जमीन भी नहीं बेच रहे हो, अगर मेरी बात नहीं मानी तो क्रेशर में डाल दूंगा। यह बात मृतक ने मृत्यु के पूर्व अपनी माँ को बताई थी। जो शक के दायरे में है।

पांच सदस्यीय जाँच टीम गठित

आवेदिका लक्षमनिया की शिकयत पर पांच सदस्यीय जाँच टीम गठित की गई थी, जिसमे एक अध्यक्ष और 4 सदस्य शामिल है, अध्यक्ष प्रशांत कतलम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सदस्य उ. नि. सुनील तिवारी, सदस्य उ. नि. अखिलेश सिंह, फर्दीनंद कुजूर, सदस्य पु अनु. मनोज तिर्की है। जांच के दौरान अधिकारीयों में बदलाव भी होता रहा।

टीम ने मामले पर 35 बिंदुओं में जांच रिपोर्ट सौंपी है। जिसपर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने आपत्ति जताते हुए जांच करने की बात कही है। जिसमे उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक बिन्दु में कैमरे की जाँच करने का उल्लेख किया गया, घटना के इतने दिनों बाद केवल फुटेज की जांच करने से फुटेज के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। अगर कैमरे का डाटा पहले ही जब्त कर लिया जाता तो स्थिति स्पष्ट हो जाती। जाँच कर रहे सुनील ने बताया था कि इस मामले में 304 (गैर जमानती अपराध) की धारा लगाना चाहिए था पर उच्च अधिकारीयों के दबाव में 304 भाग 2 लगाया गया, जिससे ओपेरटर को जमानत मिल गई।

वहीं सौपी गई इस रिपोर्ट में दो अधिकारीयों सुनील तिवारी और फर्दीनंद कुजूर ने हस्ताक्षर ही नहीं किया, जिससे जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे है।

संचालक द्वारा लापरवाहीपूर्वक बिना किसी सुरक्षा उपलब्धो के क्रेशर मशीन का संचालन किया जा रहा था, जिससे युवक की मौत हुई। वहीं इसक साथ ही जांच टीम द्वारा लिखी डायरी व दस्तावेज के आधार पर बरियों चौकी प्रभारी को जाँच के लिए निर्देश दिए गए है। जिस पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।

गौरतलब है कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर थानांतर्गत बरियों क्षेत्र में अधिकांश क्रशर नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं। अधिकांश क्रशर बिना अनुमति के ही संचालित हो रहे हैं, यहां नियमों का कोई पालन नहीं होता है। इसके बावजूद जिम्मेदार खनिज, पर्यावरण व अन्य विभागों द्वारा कोई कार्रवाई या जांच नहीं की जाती है। इसकी वजह से क्रेशर में हुए हादसों की हकीकत भी सामने नहीं आ पाती है।