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वर्षों बाद अपने पुराने मित्र को देखकर भावुक हुए सीएम भूपेश बघेल, पूछा- इंहा कहां घूमत हस जी

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 रायपुर :  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों अपनी घोषणाओं का पीटारा खोलकर प्रदेशवासियों को नई ​सौगात दे रहे हैं। सीएम बघेल खुद गांव में जाकर जनता के बीच लोगों से बड़े ही सहज अंदाज में चर्चा कर रहे हैं। किसान पुत्र सीएम बघेल वास्तव में एक जमीनी स्तर से जुड़े व्यक्ति हैं। यहां के लोगों के लिए सीएम भूपेश बघेल का सीएम बने रहना एक गौरवान्वित की बात होगी। क्योंकि वे छत्तीसगढ़वासियों को बेहतर ढंग से समझते हैं।

प्रदेशवासियों के हर समस्या का निवारण करने के लिए तत्पर तैयार रहते हैं। अभी हाल ही में सीएम बघेल ने अभी हाल ही में गुंडरदेही, डौण्डी लोहरा, बालोद और गुरुर के अलग अलग गांवो में पहुंच कर लोगों से मुलाकात किए, जिससे ग्रामीणों को अपनी बात सामने रखने का मौका मिला। इसी दौरान सीएम बघेल के बचपन के सहपाठी ने सीएम भूपेश के व्यक्तित्व की तारीफ की और उन्होंने बताया कि भूपेश बघेल से कैसे बने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। सीएम के छात्र मित्र ने अपनी दोस्ती के बारे में भी लोगों से शेयर की।

सीएम बघेल चाहे कितने भी ऊँचे पद पर पहुंच जाएं लेकिन वे अपनों को कभी नहीं भूलते। छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक के लिए सीएम भूपेश बघेल हमेशा खड़े रहते हैं। सीएम बघेल ने अमीर-गरीब, जाति-पाति व ऊंच-नीच का कभी भी भेदभाव नहीं किया। आज भी अपने बचपन के दोस्तों से मिलने पर कभी अपने व्यक्तित्व को नहीं बदला। ऐसे ही एक बालोद दौरे के दौरान सेवानिवृत शिक्षक और स्कूल के जमाने के अपने मित्र को अचानक देखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का खुशी का ठिकाना न रहा। अपने बचपन के दोस्त को देखते ही उनका हाल-चाल पूछने लगे। सीएम बघेल ने अपने दोस्त को देख पूछा कि अरे “गंगूराम, तै इंहा कइसे, तोर गांव तो गुढियारी (पाटन) हरे ना?, तब दोस्त गंगूराम साहू ने बताया कि वह रिटायर हो गए हैं और अब वह इन दिनों अपने ससुराल ग्राम बेलौदी में ही निवास करते हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए अपने पास बुला लिया। दोनों सहपाठी ने आपस में संक्षिप्त चर्चा करते हुए स्कूल के दिनों की याद ताजा करने लगे।

गंगूराम साहू और सीएम भूपेश के बीच कुछ देर चर्चा हुई जिसमें सीएम की बातों को सुनकर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि इतने दिनों बाद भी उन्हें स्कूल के दिनों की बातें याद हैं, जबकि आज एक मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी दिनचर्या बेहद व्यस्त रहती है। गंगूराम साहू ने कहा कि वास्तव में मुख्यमंत्री आज भी जमीन से जुड़े हुए हैं, और सहपाठियों के नाम उन्हें जुबानी याद हैं। गंगूराम साहू ने सीएम से चर्चा के दौरान उन्हें यह भी बताया कि जिस मर्रा (पाटन) के स्कूल से हमने पढ़ाई की। वहीं पर उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं भी दी। इस पर मुख्यमंत्री ने उनके कंधे पर थपकियां लगाकर कहा कि उन्हें यह बात पहले से ही पता है। मर्रा स्कूल से सेवानिवृत्त हुए 63 वर्षीय गंगूराम साहू ने बताया कि शासकीय मीडिल स्कूल व हाई स्कूल मर्रा में कक्षा छठवीं से 12वी तक वे मुख्यमंत्री के सहपाठी रहे। उन्होंने यह भी बताया कि उस समय मुख्यमंत्री काफी मेधावी छात्र तो थे ही, साथ में वे अधिकारों को लेकर बेहद जुझारू भी रहे। सीएम भूपेश बघेल के मित्र गंगूराम ने बताया कि हाई स्कूल की पढ़ाई के दौरान वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। संभवतः उनके उत्कृष्ट नेतृत्व की नींव इसी स्कूल में पड़ी। स्कूल के दिनों के सखा, जो आज मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं उनकी शालीनता, सादगी और सहृदयता को देखकर वृद्ध गंगूराम भावुक हो उठे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अपने एक और सहपाठी से मिले जो स्कूल के समय में उनके रूम पार्टनर थे। रायपुर जिले के अभनपुर पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा करने पहुंचे सीएम बघेल ने जनता के बीच भी अपने दोस्त को पहचाना और उन्हें अपने पास बुलाया। करीब चार दशक बाद हुई इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें देखते ही गले से लगा लिया और कहा कि, ये मेरे रूम पार्टनर भी थे, आज वो गरियाबंद में प्रिंसिपल पद पर हैं।

सीएम बघेल रायपुर जिले के अभनपुर जानने गए थे कि जमीनी स्तर पर शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं। यहां की जनता को सीएम बघेल ने 66 करोड़ 38 लाख रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। इस तरह से सीएम बघेल ने अपने दोस्तों से मुलाकात कर काफी खुश हुए। यह जानकर लोगों ने भी कहा कि वाकई में हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जमीनी स्तर के व्यक्ति हैं।