रायपुर : प्रदेश में संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है। वहीं सरकार ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लागू कर दिया है। काम पर नहीं लौटने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किया है।
अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेशानुसार सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बाद बुधवार को किसी भी जिले में कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी ने कार्यालय में उपस्थिति नहीं दी। प्रदेशभर से करीब 13 हजार स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों के संविदा कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं।
इधर, बुधवार को हजारों की तादाद में संविदा कर्मचारी नवा रायपुर स्थित तूता धरना स्थल पहुंचे। एस्मा के विरोध में सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ की ओर से जल सत्याग्रह किया गया। छतीसगढ़ सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे और हेमंत सिन्हा ने कहा, इस बार बिना ठोस निर्णय के हम जाने वाले नहीं हैं।
संविदा कर्मियों पर एस्मा लगाए जाने पर कहा, जनहित में कड़े कदम उठाने पड़ते हैं। आंदोलनरत कर्मियों को तत्काल काम लौटना चाहिए।
एनयूएचएम अधिकारी व कर्मियों को काम पर लौटने की नसीहत
नेशनल हेल्थ मिशन और नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन संघ के हड़ताल में शामिल विभिन्न अफसर-कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो सख्त कार्रवाई होगी। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार को पत्र जारी किया है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया, एनयूएचएम के स्थानीय कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी 3 जुलाई से हड़ताल में शामिल हैं। सरकार ने 11 जुलाई को आदेश जारी कर काम पर लौटने की चेतावनी भी दी है।