रायपुर : घर छोड़ने वालों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या अधिक है। किसी के बहकावे या घर वालों से झगड़ा होकर नाबालिग लड़कियां घर छोड़ रही हैं। यह तथ्य विभिन्न थानों में दर्ज होने वाले मामलों के आधार पर सामने आए हैं। हालांकि कई मामले थानों तक नहीं आ पाते हैं।
पिछले माह पुलिस ने 1 से 30 जून तक ऑपरेशन मुस्कान चलाया था। इसमें अलग-अलग जिलों की पुलिस ने कुल 559 नाबालिगों को अलग-अलग राज्यों से बरामद किया। 559 में से 487 बालिकाएं थीं और बाकी बालक। अधिकांश बालिकाओं के घर छोड़ने की एक वजह प्रेम संबंध भी है।
इनमें भी ग्रामीण और अर्धशहरी इलाके में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। बालिकाओं के घर छोड़ने के पीछे मॉनिटरिंग की कमी होना भी है। कई परिजन अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाते। सोशल मीडिया और उनके करीबी दोस्तों की अनदेखी करते हैं। इसका दुष्प्रभाव भी बालिकाओं पर पड़ रहा है।
जांजगीर-चांपा टॉप में
ऑपरेशन मुस्कान के तहत सबसे ज्यादा जांजगीर-चांपा के नाबालिगों को सुरक्षित बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक 76 नाबालिगों को बरामद किया गया। इसके बाद रायपुर के 56 और बिलासपुर व सक्ती के 52-52 नाबालिगों को अलग-अलग शहरों से पुलिस ने ढूंढ निकाला।
इन राज्यों में जा रहे
घर छोड़ने के बाद बालक और बालिकाएं उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों में ज्यादा जा रहे हैं। इन राज्यों में जाकर नाबालिगों को बरामद किया गया है। उल्लेखनीय है कि नाबालिगों के गायब होने के मामले में पुलिस पहले सामान्य मामला दर्ज करती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब अपहरण का मामला दर्ज करने लगी है।