देशभर में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही वंदे भारत ट्रेन का जब रेल मंत्री ने अचानक कलर बदल दिया तो सभी के दिमाग में ये सवाल आ रहा था कि आखिर रेलवे विभाग ने अचानक ही ट्रेन का कलर नीले से बदलकर ऑरेन्ज क्यों कर दिया? उस समय पर कई लोग यह भी दिमाग लगा रहे थे कि राजनीतिक कारणों की वजह से शायद कलर में बदलाव किया गया है… अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत के कलर के बारे में खुलासा कर दिया है.
कोई राजनीतिक कारण नहीं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों में बातचीत करते हुए इस बात को साफ खारिज कर दिया है कि नारंगी रंग की वंदे भारत को लाने के पीछे कोई राजनीतिक कारण है. उन्होंने कहा कि इस ऑरेन्ज कलर की वंदे भारत के पीछे एक साइंटिफिक कारण है.
अश्विनी वैष्णव ने किया खुलासा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि साइंस के मुताबिक, हमारी आंखों को 2 रंग सबसे ज्यादा आसानी से देख सकते हैं. इसमें पहला है पीला और दूसरा है नारंगी. यही वजह है कि यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों का कलर या तो नारंगी होता है या फिर नारंगी-पीले रंग के मिक्स टाइप के कलर होते हैं.
आंखों के लिए सबसे अच्छे हैं कलर
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि इन 2 कलर के अलावा सिल्वर जैसे कुछ रंग और भी होते हैं जो हमारी आंखों के लिए अच्छे माने जाते हैं. इसके अलावा हमारी आंखों के लिए सबसे बेस्ट कलर पीले और नारंगी हैं.
किस रूट पर चली थी पहली ऑरेन्ज वंदे भारत?
देश में पहली ऑरेन्ज ट्रेन को 24 सितंबर को हरी झंडी दिखाई गई थी. कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के लिए पहली ऑरेन्ज ट्रेन चलाई गई थी. इस दिन पीएम मोदी ने 9 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनों को एकसाथ हरी झंडी दिखाई थी.