रायगढ़ : विधानसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा सीट में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस में कलह और गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक प्रकाश नायक ने हार का ठीकरा अब पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर फोड़ते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग संगठन से की है। जिला संगठन ने भी हार के बाद रिपोर्ट बनाकर पीसीसी को भेजा है जिसमें पार्टी के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। ऐसे में कांग्रेस में अंधरुनी कलह खुलकर उजागर हो गई है।
दरअसल, बीते विधानसभा चुनाव में जिले की पांचों सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार सारंगढ को मिलाकर अविभाजित रायगढ़ जिले की चार सीटों पर जीत तो बरकरार रखी, लेकिन रायगढ़ विधानसभा सीट पर मिली करारी हार से कांग्रेस सदमे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस ने हार के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 64 हजार से भी अधिक वोटों से पराजय हासिल की है। हार के बाद पार्टी के कुछ पदाधिकारियों व पार्षदों पर संगठन विरुद्ध काम करने के आरोप लग रहे हैं। दो दिन पहले हुई कांग्रेस के समीक्षा बैठक में भी इस बात को लेकर जमकर तू-तू मैं-मैं हो चुकी है। अब पूर्व विधायक प्रकाश नायक ने हार के बाद पार्टी के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्वाई की मांग की है।
उन्होने संगठन को इसकी मौखिक शिकायत भी की है। जिसके बाद जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने समीक्षा रिपोर्ट बनाकर पीसीसी को भेजा है। जिलाध्यक्ष का कहना है कि रिपोर्ट में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों के नामों का उल्लेख करते हुए हार के सारे कारणों की बिंदुवार जानकारी भेज गई है। मामले में अब कार्रवाई प्रदेश संगठन स्तर पर होगी।
इधर कांग्रेस को मिली हार के बाद भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने खुद की गिरेबां पर झांकने की बजाए पूरे समय भाजपा को टारगेट में रखा। नतीजन उन्हीं का संगठन अंदर से कमजोर होता गया और कांग्रेस को भीतरघात का दंड झेलना पड़ा। इस चुनाव में जनता ने कांग्रेस को धूल चटाई है और भाजपा को सम्मान देते हुए फिर से सत्ता में बिठाया है। कांग्रेस को हार से सबक लेने की जरुरत है।