रायपुर : भाजपा विधायक ने आज राजधानी के तेलीबांधा में बने सामुदायिक भवन निर्माण में अनियमितता और नियम विरुद्ध अवैध कब्जा का मामला उठाया। उन्होंने इसमें करोड़ों के सरकारी पैसों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की घोषणा करते हुए 3 माह के अंदर इसकी रिपोर्ट लेकर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा सदन को दिलाया।
ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से भाजपा सदस्य राजेश मूणत ने यह मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि शताब्दी नगर में अटल आवास के लिए आरक्षित भूमि पर बिना प्रशासकीय स्वीकृति के करोड़ों का भवन बनाकर उसे सामाजिक संस्था को दे दिया गया । वर्ष 2020 में यह सामुदायिक भवन बना और 2022 में सदभावना समिति के आवेदन पर इसे एमआईसी की स्वीकृति से दे दिया गया जबकि इसके लिए निगम आयुक्त से भी सहमति नहीं ली गई। इस भवन के निर्माण और यहां विलासिता के समान में 3 करोड़ 73 लाख रुपए नियम विरुद्ध खर्च कर दिए गए। बीजेपी विधायक ने इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
भवन बनाने सरकार से अनुमति मांगी गई थी : शिव डहरिया
जिस सामाजिक संस्था को यह भवन आबंटित किया गया है उसकी अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया है। इस मामले में शिव डहरिया ने कहा कि यह जमीन सरकारी नही है वह समिति की है जिसमें भवन बनाने सरकार से अनुमति मांगी गई थी। एमआईसी की स्वीकृति के बाद भवन निर्माण किया गया जिसमे कहीं भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में राजनैतिक लाभ लेने के लिए भाजपा बदले की राजनीति कर रही है।
निर्माण में 1 करोड़ 74 लाख खर्च
नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने बताया कि इस भवन के निर्माण में 1 करोड़ 74 लाख खर्च हुआ जिसमे स्मार्ट सिटी से 84 लाख, अधोसंरचना मद से 71 लाख और नगर निगम से 18 लाख खर्च किए गए हैं जिसके लिए निगम आयुक्त ने कोई आदेश जारी नही किया है। सिर्फ एमआईसी से ही संकल्प पारित किया गया था। मामले की गंभीरता और भाजपा विधायक की मांग पर विभागीय मंत्री ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर 3 माह में रिपोर्ट लेकर दोषी लोगो पर कार्रवाई की घोषणा सदन में की।