रायगढ़ : नगर निगम महापौर जानकी काटजू ने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट बुधवार को पेश किया। महापौर ने विशेष सम्मेलन आयोजित कर शहर विकास के लिए तकरीबन 454 करोड़ 73 लाख का बजट प्रस्तुत किया। जिस प्रकार से राज्य सरकार ने बजट पर नए कर अधिरोपित नहीं किया, ठीक उसी तरह महापौर ने भी शहर की जनता के उपर कोई नया कर नही जोड़ा है। बजट पेश किए जाने के दौरान विपक्षी दल भाजपा के पार्षदों ने बजट को कॉपी पेस्ट और निराशाजनक बताते हुए अपने-अपने क्षेत्र की जरूरतों और पुराने पेंडिंग कार्यों को सामने रखा।
नगर निगम में मेयर जानकी काटजू ने वर्ष 2024 -25 के लिए 454 करोड़ 73 लाख का बजट पेश किया जो कि कुल व्यय के विरुद्ध लगभग 15 करोड़ लाभ का बजट हैं। बजट प्रस्तुत करते हुए महापौर काटजू ने कहा कि बजट में अधोसरंचना विकास के साथ ही व्यवसायिक काम्प्लेक्स निर्माण, खेल मैदानो का विकास व रिंग रोड निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को प्रमुखता के साथ रखा गया है।
भाजपा पार्षदों ने यूजर्स चार्ज,कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की योजना,नामांतरण ,खेल मैदान जैसे मुद्दों को लेकर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खडे करते हुए काफी हंगामा किया और बजट को पूर्ण रूप से निराशाजनक बताया।
वहीं वरिष्ठ भाजपा पार्षद सुभाष पाण्डेय ने बैठक में शहर सरकार को घेरते हुए कहा कि शासन से कोई निर्देश आता हैं तो उसकी पुष्टि परिषद से नहीं कराई जाती है वहीं आयुक्त बिना परिषद की पुष्टि के ही शासन के निर्देश को आम जनता पर लागू कर देते है, उन्होंने ऐसे ही एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि शासन ने उद्योग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रो को कर मुक्त करने आदेश जारी किया था लेकिन इस पत्र को भी परिषद में नहीं लाया गया द्य सभापति जयंत ठेठवार ने भी इसे गंभीर त्रुटि बताया द्य वहीं सुभाष पाण्डेय ने कहा कि बीजेपी ने नये प्रावधान जोडऩे व केंद्र सरकार की योजनाओं को पूर्ण कराने सहित अन्य प्रस्ताव जोड़े जाने की मांग की गयी है।
अमृत मिशन क्रियान्वयन नहीं हुआ था बावजूद सारे बोर हटा दिए गए।सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।कहीं इस योजना का क्रियान्वयन सफेद हाथी न साबित हो जाए। नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि बजट शहर का आईना होता है लेकिन शहर सरकार के पास कुछ करने के लिए बचा ही नहीं। आगे उन्होंने कहा कि शहर सरकार ने ग्रीन हब की परिकल्पना को भी साकार नहीं किया यहां तक कि अपने कार्यकाल की योजना जानकी की वानकी को तो शहर सरकार ही खा गई।
10 वीं,12 वीं में प्रथम आने वाले खिलाडिय़ों को जो प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान था जिसमे केवल 10 से 12 खिलाडिय़ों को ही इसका लाभ मिल सका आलम यह है कि आज खिलाडिय़ों बैरंग वापस किया जा रहा है।वर्तमान सरकार पिछले चार सालों से बजट पेश कर रही है जो अब तक केवल कागजों में ही सीमित है।रायगढ़ जिला आद्योगिक प्रदूषण की मार झेल रहा है लेकिन शहर सरकार ने अब तक प्रदूषण को लेकर कोई प्रावधान नहीं लाया।