अक्षय तृतीया का पर्व कल शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर जगह-जगह बच्चे पर्व की खुशियां साझा करेंगे तो वहीं पर्व के मध्य नजर बाजार में भी अक्षय तृतीया के लिए उपयोग में आने वाली सामग्रियों की बिक्री शुरू हो गई है।
आमतौर पर अक्षय तृतीया को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन किसी भी तरह कोई तिथि देखने की आवश्यकता नहीं होती है, यही वजह है कि इस दिन सभी मांगलिक कार्य के साथ शुभ कार्य संपन्न होते हैं, लिहाजा अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है और दीपावली की तरह ही उत्साह के साथ पर्व संपन्न होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु और कुबेर देव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग सच्चे भाव के साथ इस तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और दान, खरीदारी आदि कार्य करते हैं उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त
अक्षय तृतीया के दिन जप, तप और हवन के लिए सुबह 05 बजकर 31 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट के बीच की अवधि सबसे उत्तम है। साथ ही इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
सोना खरीदने का शुभ समय
10 मई को
दोपहर 12.07 से 1.47
सायं 05.08 से 06.49
भरे जलपात्र का करें दान
इस बार ग्रहों के संयोग को देखते हुए अक्षय तृतीया पर भरा हुआ जलपात्र, मिष्ठान्न, श्वेत वस्त्र, नमक, शरबत, चावल, चांदी का दान करना बेहद शुभ फलदायी होगा। अक्षय तृतीया के दिन नए संवत्सर के पंचांग, धार्मिक पुस्तकों और फलों का दान भी पुण्यदायक होता है।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के परशुराम अवतार का जन्म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को कृष्णजी ने अक्षय पात्र दिया था। जिसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था। इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।