रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देशों के बाद वाणिज्यिक कर (GST) विभाग ने ई-वे बिल पर दी जा रही छूट को खत्म कर दिया है। अब 50 हजार या इससे अधिक के सामान परिवहन पर एक जिले से दूसरे जिलों में ई-वे बिल की अनिवार्यता लागू होगी। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने राज्य के भीतर सामानों के परिवहन पर ई-वे बिल की अनिवार्यता लागू नहीं की थी। ई-वे बिल को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2018 को लागू किया है।
वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिलों के भीतर भी ई-वे बिल लागू होने से टैक्स चोरी रूकेगी वहीं, सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। देश के कई राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इसे लागू नहीं किया था। मध्य प्रदेश में 2022 से ही जिलों के भीतर जांच की व्यवस्था लागू हो चुकी है। वाणिज्यिक कर विभाग ने व्यापारियों को दी जा रही छूट के संबंध में 24 मई को अधिसूचना जारी कर दी है।
1.74 लाख डीलरों के लिए अब जरूरी
- वाणिज्यिक कर विभाग में पदस्थ 1.74 लाख डीलरों के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-वे बिल पर दी जा रही छूट को किया खत्म, 50 हजार से अधिक के सामान पर होगा जरूरीछत्तीसगढ़ सरकार ने ई-वे बिल पर दी जा रही छूट को किया खत्म, 50 हजार से अधिक के सामान पर होगा जरूरी
- बोगस बिल के फर्जीवाड़े पर लगेगा लगाम
- 2018 से 2023 तक प्रदेश में करोड़ों रुपये के बोगस बिल के मामले सामने आएं। केंद्रीय जीएसटी ने कई ठिकानों पर दबिश दी थी। फर्जीवाड़े का तार महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश व ओडिशा से भी जुड़ा।
- जीएसटी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिलों के भीतर अब जांच-पड़ताल में कर अपवंचन रूकेगा। 50 हजार से अधिक के सामानों के परिवहन पर ई-वे बिल नहीं होने की स्थिति में डीलर या व्यवसायी को रिकार्ड प्रस्तुत करना पड़ेगा।
अधिसूचना पूर्ववत रखने की मांग, चेंबर ने सौंपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स ने पत्र के माध्यम से प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री ओपी चौधरी को ज्ञापन सौंपा है। चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि ई-वे बिल से संबंधित अधिसूचना पूर्ववत रखी जाए।
डीलरों को सामान के साथ ई-वे बिल रखना अनिवार्य
ई-वे बिल का पूरा नाम इलेक्ट्रानिक वे-बिल है। जीएसटी ई-वे बिल वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के हिस्से के रूप में जाना जाता है। परिवहन किए जाने वाले माल को ट्रैक करने के लिए प्रमुख दस्तावेज है। वर्तमान में ई-वे बिल जीएसटी पोर्टल पर आनलाइन प्राप्त किया जा सकता है, जिसमें माल को खरीदने की जगह के साथ कहां ले जाया जा रहा है। इसका जिक्र होता है। ई-वे बिल में माल के पहुंचने की समय-सीमा भी निर्धारित होती है। सभी डीलरों को सामान के साथ ई-वे बिल रखना अनिवार्य है।
छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, ई-वे बिल के प्रविधानों को अन्य राज्यों में पहले ही लागू किया जा चुका है। इसे लागू करने का पहले से ही निर्देश रहा है। इसमें छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए अब 50 हजार रुपये मूल्य से अधिक के गुड्स का परिवहन करने पर ई-वे बिल जेनरेट करना आवश्यक किया गया है। छोटे व्यापारियों को किसी भी तरह की समस्या न हो, इसका ध्यान दिया जा रहा है।