सरगुजा : जिले में एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। आरोप है कि जमीन विवाद को लेकर मारपीट के मामले में जांच करने गई हेड कांस्टेबल की डांट फटकार की वजह से जान गई है। कांग्रेसियों ने का कहना है कि, नए कानून का भय दिखाने से किसान की मौत हुई है। मामला गांधी नगर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, ग्राम सुखरी निवासी महिला भगवती राजवाड़े ने अपने चाचा रामसुंदर राजवाड़े सहित परिवार बाकी सदस्यों के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर 29 जून को केस दर्ज कराया था। भगवती राजवाड़े के पति की मौत हो चुकी है। इसके बाद उस पर दबाव बनाकर चाचा और उनका परिवार जमीन हड़पना चाहते हैं।
इस मामले की जांच कर रही गांधीनगर थाने की प्रधान आरक्षक वीणा रानी तिर्की दो पुलिसकर्मियों के साथ भगवती राजवाड़े के साथ सोमवार दोपहर 2 बजे सुखरी कालापारा गई थी। वहां रामसुंदर राजवाड़े और परिवार ने 15-20 लोगों को इकठ्ठा कर रखा था।
परिजनों का आरोप है कि वीणा रानी तिर्की ने रामसुंदर राजवाड़े को डांट फटकार लगाई, तो वे बेसुध होकर गिर गया। रामसुंदर के अचेत हो जाने पर वीणा रानी तिर्की ने डायल-112 की टीम को कॉल किया। उसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि वीणा रानी तिर्की ने न सिर्फ डांटा, बल्कि धक्का-मुक्की भी की। जिससे रामसुंदर सदमे में आ गए और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले- नए कानून का साइड इफेक्ट
सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है कि, किसान रामसुंदर सुखरी का ग्राम पटेल और शाला विकास समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें महिला पुलिसकर्मी ने आवेश में आकर डांटा, तो वे सहम गए। वे सज्जन व्यक्ति थे। यह नए कानून का साइड इफेक्ट है। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस जो चाहेगी, वह करेगी। ऐसा भय लोगों के मन में बन गया है। यह उचित नहीं है।
निलंबन की मांग, मौके पर पहुंचे अधिकारी
इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने दोषी महिला हेड कांस्टेबल को निलंबित करने की मांग की है। सूचना पर अंबिकापुर सीएसपी रोहित शाह, थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने परिजन और कांग्रेस नेताओं से चर्चा की। परिजनों ने कहा कि पुलिस शालीनता से बात करती तो यह घटना नहीं होती। फिलहाल मामले की जांच जारी है।