रायपुर : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यूपी STF ने दोनों को 3 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद सोमवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 15 जुलाई तक जेल भेज दिया है।
वहीं इसी मामले में अब रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा की भी एंट्री हो गई है। कोर्ट ने टुटेजा को भी पेश करने के लिए वारंट जारी किया है। फिलहाल वारंट ई-मेल के जरिए रायपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है। यूपी STF के अफसरों के मुताबिक, जल्द ही उसकी हार्ड कॉपी भी भेजी जाएगी।
इससे पहले यूपी STF की पूछताछ में दोनों ने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। इनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं।
दोनों आरोपियों ने यह भी बताया कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलीरज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था
3 दिन की रिमांड पर थे दोनों आरोपी
अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी को मेरठ कोर्ट ने 10 दिन यानी 1 जुलाई तक जेल भेज दिया था। इसी बीच यूपी STF ने मेरठ कोर्ट में आवेदन लगाकर दोनों की रिमांड मांगी थी। 28 से 30 जून 3 दिन की रिमांड मिलने के बाद यूपी STF दोनों को लखनऊ लेकर पहुंची थी। जहां दोनों से लंबी पूछताछ हुई।
12 दिन पहले हुई थी रायपुर से गिरफ्तारी
यूपी STF ने कारोबारी अनवर ढेबर को 12 दिन पहले 18 जून की शाम को गिरफ्तार किया था। उसी दिन ढेबर को शराब घोटाले में जमानत मिली थी। इसके बाद से ही ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के निलंबित MD एपी त्रिपाठी यूपी STF की कस्टडी में हैं।
अब तक तीनों डिस्टलरी पर नहीं हुआ एक्शन
छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले में डिस्टलरी की भी बड़ी भूमिका रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और EOW ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे संबंधित लोगो की अरोपी बनाया है। हालांकि अब तक इस मामले पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।