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रोजगार सहायक को मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम 5 लाख की ठगी, सदमे में परिवार, छोड़ा खाना पीना.

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महासमुंद: बागबाहरा थाना क्षेत्र के ग्राम अनवरपुर में एक रोजगार सहायक को मंत्रालय में बाबू के पद में नौकरी दिलाने का लालच देकर उससे करीब 5 लाख रुपये की ठगी कर ली गई और ठगी के बाद आरोपी अपना मोबाइल बंद करके लापता हो गया. 5 लाख ठगी होने के बाद रोजगार सहायक का परिवार एकदम सदमे में है घर में खाना पीना छोड़ दिये है.कुंजमणी साहू पिता हेमलाल साहू, निवासी ग्राम अनवरपुर पोस्ट सुखरीडवरी का गाँव में ही एक छोटा सा किराना का दुकान है. गांव में गाँव का बैगा रायसिंग लोहार के पास उसके पहचान के व्यक्ति बार-बार बैगा के पास state coordinator लिखी हुई एक सफारी कार में किसी काम से आते थे.

कुंजमणी को बाद में पता चला उसका नाम छत्तूराम नंद जो कि ग्राम दर्रा कराडोल निवासी है, छत्तूराम नंद और कुंजमणी के गाँव का बैगा नाम रायसिंग दिसंबर 2022 में एक दिन सुबह 10-11 बजे कुंजमणी के किराना दुकान के पास बैठने आये और बात-बात में उसे क्या काम करता है करके पूछने लगे.कुंजमणी ने उन्हें बताया कि वह मनरेगा में रोजगार सहायक है और 5000-6000 सैलरी मिलता है, जिसपर दोनों कुंजमणी को कहने लगे इतना पढ़ा लिखा व्यक्ति 5000-6000 की नौकरी करता है. और उसे मंत्रालय में काम करता हूँ. मेरे बेटे का रेल्वे में और मेरी बेटी का शिक्षाकर्मी में और ऐसे कई लोग है कि जिसका नौकरी मैने लगवाया है करके कहने लगा. और गाँव का बैगा भी हाँ में हां मिलाते हुए हां मैं जान रहा हूँ बहूत लोगों का लगवाया है करके कहा.

ऐसा कहने पर कुंजमणी उनके झासे में आ गया और उसने कुंजमणी को मंत्रालय रायपुर में बाबु के पोस्ट में नौकरी लगवाऊँगा बोलकर पुरा मार्कशीट का फोटो कॉपी मंगा और उसके चार से पांच दिन बाद बोला 4 से 6 लाख रुपये लगेगा और जिसपर कुंजमणी राजी हो गया.शुरू में कुंजमणी ने उसे 40,000 हजार दिये उस दिन रायसिंग को बुलाने गये तो वह नहीं लगेगा जाओ ना तुम लोग पैसा दे देना मैं तो उस व्यक्ति को जान रहा हूँ और पैसा मेरा जवाबदारी है करके कहा.

इसके बाद कुंजमणी ने बाकी का पैसा धीरे धीरे फोन पे से 1 लाख 69 हजार और 3 लाख PNB BANK से RTGS के द्वारा उसके खाते में भेजे. कुंजमणी ने उसे कुल पाच लाख दिये. पैसा देने के एक माह बाद कुंजमणी ने जब नौकरी कब लगेगा पूछा तो धीरे-धीरे कल लगेगा 15 दिन के बाद लगेगा 1 महिना के बाद लगेगा कहने लगे और फिर नहीं लगने पर पैसा वापस कर दूँगा करके कहा. इसके बाद फिर धीरे-धीरे उसने फोन उठाना बंद कर दिया. कुंजमणी उसे एक और नंबर में फोन करता था जो एकदम से स्विच ऑफ आने लगा. तब कुंजमणी रायसिंग जो गांव के बैगा है उसको बोलना शुरू किये कि तुम ही उस व्यक्ति को लेके आये थे हम लोग तो उस आदमी का नाम गांव कुछ नहीं जानते है करके रायसिंग को बोले. फिर एक दिन रायसिंग ने उसे कसडोल में रहता है करके बताया. तब कुंजमणी, उसके पिता और रायसिंग गाड़ी किराया करके कसडोल उसके घर गये पर वह वहां भी नहीं था और वहां जाने पर पता चला कि हर महिने कोई ना कोई व्यक्ति उसके घर ग्राम दर्रा (कसडोल) में उसको खोजते आता है.
उक्त व्यक्ति छत्तूराम नंद कि पत्नि जों गांव में रहती है वह बोली वह तो यहां लगभग एक वर्ष हो गया गांव नहीं आया है, वह तो रायपुर में काम करता है और उसका ऑफिस पचपेडी नाका हूँ मैं देखी हूँ. इसके बाद कुंजमणी, छत्तूराम की पत्नि को लेकर रायपुर गया और वहाँ जाने पर वह जगह भुल गयी हूँ करके कहने लगी और रायपुर में ही उसकी पत्नि ने ही उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उसके गांव के जमीन को बेच के पैसा दूँगी. और वो भी धीरे-धीरे घुमाना शुरू कर दी.

इसके बाद छत्तूराम की पत्नी कहने लगी की तुम लोग पैसा दिये हो तो तुम लोग जानो मारा पीटो मुझे क्या करना है कहने लगी फिर चार से पांच बार उसके घर जाने पर भी वह व्यक्ति नहीं मिला.इसके बाद कुंजमणी उसके गांव अनवरपुर में ग्राम पंचो को बुलाकर गांव के बैगा रायसिंग के खिलाफ बैठक रखा और पंचों के द्वारा साफ-साफ कह गया कि कुंजमणी उस व्यक्ति को जानता नहीं है तुमने ही उसे यहा बुलाकर फंसाया है और तु ही उस व्यक्ति को ढुंढ़कर ला और इन लोग का पैसा लाके दे करके कहा. और बैठाक के एक सप्ताह के बाद फिर दोबारा पुछने पर रायसिंग द्वारा कह गया वह व्यक्ति तो मुझे नहीं मिला. तब हमें पता चला कि हमारे साथ ठगी हुआ है. कुंजमणी ने बताया कि उसका परिवार एकदम सदमे में है घर में खाना पीना छोड़ दिये है.
मामले की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध अपराध धारा 34-IPC, 420-IPC पंजीबध कर विवेचना में लिया है.