रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : शारदीय नवरात्र के मौके पर विजयादशमी पर्व मनाये जाने की श्रृंखला में लखनपुर क्षेत्र के ग्राम अमगसी नवापारा में साल के अंतिम विजयादशमी दशहरा पर्व 14 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया गया। दुर्गा मंडप से गाजे बाजे के साथ दूर्गा लक्ष्मी सरस्वती गणेश इत्यादि प्रतिमाओं का विसर्जन यात्रा शुरू हुई अम्बिकापुर बिलासपुर मुख्य मार्ग से शोभा यात्रा निकाल परिक्रमा करते कुन्नी मार्ग में स्थित मिनी स्टेडियम तक आदि शक्ति मां दुर्गा सरस्वती लक्ष्मी गणेश कार्तिकेय महिशासुर के प्रतिमाओं को लाया गया ।
जहां पूर्व निर्धारित रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। रावण दहन कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि माननीय लुन्डरा विधायक प्रबोध मिंज तथा विशिष्ट अतिथि मंडल अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद यादव, विधायक प्रतिनिधि राकेश साहू जंप सदस्य गिरिश सिंह, पूर्व मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह, मंडल महामंत्री विक्रम सिंह हरिश सोनी रहे।
रावण दहन देखने आये अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक प्रबोध मिंज ने अपने सम्बोधन कहा सही मायने में
रावण दहन अधर्म, अहंकार, पाप कर्म करने का जीवंत प्रतीक है, इससे हम सभी को सीख लेनी चाहिए। यही वजह थी कि अपने अज्ञानता अहंकार के वजह से रावण मारा गया। रावण में और भी खूबियां थी।रावण दहन से प्रेरणा लेकर हमे अपने अन्दर के रावण रूपी काम क्रोध लोभ अहंकार जैसी बुराई को समाप्त करनी चाहिए। दरअसल दशहरा पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने दशहरा मैदान में हाजिर तमाम लोगो को विजयादशमी पर्व का मुबारकबाद दिया। मचासीन अतिथियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
बाद इसके मुख्य अतिथि मिंज ने राम लखन सीता हनुमान बने नन्हे कलाकारो तथा आयोजन समिति सदस्यो के साथ बाकायदा चिंगारी लगाकर रावण के पुतले को भस्म करने का रस्म अदा किया। आग के लपटों में जलता रावण के पूतला और रंग-बिरंगे आतिशबाजी का मंजर देखने बेशुमार भीड़ उमड़ पड़ी। विजयादशमी दशहरा मनाये जाने के आखरी कड़ी में एक और रावण धू-धू कर भस्मीभूत हुआ। मां दुर्गा के प्रतिमा को पूरे श्रद्धा भक्ति भाव से ग्राम चुकनडाड के पास कुंवरपुर जलाशय एरिया के जलसरोवर में विसर्जित किया गया। लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया।
इस तरह से लखनपुर क्षेत्र में विजयादशमी दशहरा पर्व मनाये जाने का सफर मुकम्मल हुआ। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि “” लगेंगे हर बरस रावण के चिंताओं पर मेले। बाक़ी उसका यही निशा होगा।।