कब्ज की समस्या में स्टूल पास करने के दौरान मरीजों को काफी ज़ोर लगाना पड़ता है। कई बार प्रेशर लगाने के बाद भी शौच साफ़ नहीं होता है। इस वजह से मरीजों को कई बार लैट्रिन के लिए जाना पड़ता है और बाथरूम में घण्टों बैठे रहना पड़ता है। दरअसल, पेट साफ नहीं होने की वजह से पूरे दिन किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज की परेशानी में मरीजों को बहुत सोच-समझकर खाना-पीना पड़ता है। लम्बे समय तक कब्ज की समस्या रहने से कई और बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसलिए कब्ज के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। आयुर्वेद में कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई घरेलू उपाय बताए गए हैं। चलिए जानते हैं कॉन्स्टिपेशन की समस्या को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
कब्ज होने के कारण
डाइट में फाइबर युक्त भोजन की कमी
मैदे से बनी चीज़ों का बहुत ज़्यादा सेवन करना
पानी बहुत कम पीना
देर रात तक जागने की आदत
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट का सेवन
हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी
अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल
कब्ज का घरेलू इलाज के लिए उपाय
मुनक्का है फायदेमंद: लगभग 8-10 ग्राम मुनक्के रात को पानी में भिगा दें। सुबह बीज निकालकर दूध में उबाल कर खाएं, और दूध पी लें
जीरा और अजवायन का मिश्रण: जीरे और अजवायन को धीमी आंच पर भून कर पीस लें। इसमें काला नमक डालकर तीनों को समान मात्रा में मिला कर डब्बे में रख लें। रोज आधा चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ पिएं।
त्रिफला चूर्ण से भी मिटा है आराम: रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गरम पानी के साथ लें। ऐसे करने से कब्ज की समस्या ठीक होती है। दस ग्राम अजवायन, दस ग्राम त्रिफला और दस ग्राम सेंधा नमक को कूटकर चूर्ण बना लें। रोज 3-5 ग्राम चूर्ण को हल्के गरम पानी के साथ लें। कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण कारगर माना जाता है।
पालक खाएं कब्ज दूर भगाएं: यदि आप कब्ज के परेशान है और आप खान-पान में परिवर्तन कर इसको ठीक करना चाहते है तो आपके लिये पालक का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि पालक में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो की कब्ज को दूर करने में मदद करता है।