हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहार का महत्व हैं इसमें कई व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इसमें ही सबसे खास व्रत करवा चौथ हैं जो सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला होकर रखा जाता है। इस करवा चौथ व्रत को इस साल हिंदू धर्म में रविवार यानि 20 अक्टूबर को रखा जाने वाला है। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता हैं औऱ उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। करवा चौथ से जुड़ी वैसे तो कई मान्यताएं हैं इसमें व्रत के दौरान मिट्टी के बजाय आटे के दीपक का प्रयोग करना जरूरी माना जाता है। जानते हैं आखिर क्या होता हैं इसके पीछे का महत्व
शास्त्र में हैं आटे के दिये का क्या हैं महत्व
करवा चौथ के दिन आटे के दीपक को जलाने का महत्व होता है इसे हिंदू धर्म में शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इसे लेकर वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि,आटे के दीपक का जलाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। करवा चौथ व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता माना जाता है कि जिसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए आटे का दीपक जलाया जाता है उसे यमराज की पीड़ा नहीं सहनी पड़ती। इसके अलावा कहा जाता हैं कि, आटे के दीपक को जलाने से करवा माता और अन्नपूर्णा माता प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा आटे का दीपक आपके संकट दूर करने में भी लाभकारी साबित होता है। साथ ही यह प्रेम भावना बढ़ाने वाला भी होता है।
किस तरह से जलाएं आटे का दीपक
यहां पर करवा चौथ के दिन आटे का दीपक जलाने के महत्व और नियम अलग-अलग होता हैं। इसे जलाने के लिए आप सबसे पहले हल्दी डालकर उसे गूंथ लें और फिर इसे एक जीपक का आकार दें। इसके बाद इस दिये में घी डालकर पूजा के समय प्रज्वलित करें। इस दौरान करवा माता से अपनी कामना करें और चंद्रमा की पूजा के समय आटे के दीपक को छलनी में रखकर चांद और पति को छलनी से देखें। कहा जाता हैं कि, करवा चौथ पर आटे का दीपक जलाने से कर्ज से मुक्ति, विवाह, नौकरी, बीमारी, खुद का घर, संतान प्राप्ति, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद, कोर्ट कचहरी जैसे मामलों में फायदा मिलता है।