रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : जंप क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन को कारगर बनाने गांव में साफ-सफाई रखने के मकसद से शासन प्रशासन द्वारा ई -रिक्शा मुहैय्या कराई गई है। ताकि पंचायत में डोर टू डोर कचड़ा एकत्रित कर ग्राम पंचायत को साफ-सुथरा रखा जा सके। लेकिन सफाई कर्मियों के नहीं होने से इन रिक्शों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ई-रिक्शा में जंग लगने लगे हैं कहीं कहीं पंचायतों में ई-रिक्शा टूटे फ़ूटे लावारिस हालत में इधर-उधर गलीकुचो में पड़े नजर आने लगे हैं। क्षेत्र के पंचायत वासियों ने ई- रिक्शा को फिजूलखर्ची बताते हुये शासकीय राशि का दुरूपयोग कहा है। बहुतायत ई- रिक्शा का उपयोग नहीं होने कारण सरपंचो के घर दरवाजे में खड़े शोभा बढ़ा रहे हैं। या गांव के गली कुचो में बच्चों के खेलने का खिलौना बने हुए है।
स्वच्छ भारत मिशन द्वारा प्रदत्त ई- रिक्शा ग्राम पंचायत को साफ-सफाई रखने के नजरिए से बेहद जरूरी है। लेकिन उपयोग में नहीं आ रहे है। अगर पंचायतों के गलियों में ई -रिक्शा दौड़ता तो एकीनन गांव का कचरा साफ होता और पूरा होता स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य। रिक्शा खुद कचरा होते जा रहे है। क्षेत्र के कुछ पंचायत वासियों ने बताया कि ई रिक्शा को चलाने कोई भी महिला अथवा पुरुष पंचायतवासी राज़ी नहीं हो रहे हैं । इसकी मुख्य वज़ह है पंचायत के ओर से मानदेय का नहीं मिलना। ई रिक्शा बेकार अनुपयोगी पड़े हुये हैं। जिससे ई रिक्शों के पूर्जे बेकार खराब होते जा रहे हैं।इन रिक्शों का सुध लेने वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी नहीं है।