रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सम्पन्न हुआ। व्रती उपासक महिलाओं ने शुक्रवार को पंडित पुजारियों के मुखारविंद से उच्चरित वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उगते सूर्य को अर्ध्य दिया। छठ घाटों में विधिवत भगवान भास्कर एवं छठी मईया की पूजन हवन आरती की गई। छठ महापर्व का शुभारंभ पहले दिन नहाये खाये के साथ हुई दूसरे दिन व्रती महिलाएं दिन भर उपवास रखकर खरना अर्थात गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किये। तिसरे दिन सूर्यास्त के समय घाट में जाकर ठेकुआ गन्ना ऋतु फल आदि अर्पण के साथ डुबते सूर्य देव का पूजन कर संध्या अर्घ्य दिया।धर्म शास्त्रों में सूर्य षष्ठी मनाये जाने का उल्लेख मिलता है। छठ पूजा से जुड़ी कई प्रचलित कथाएं हैं। त्रेतायुग, द्वापरयुग में इस व्रत के किये गये जाने का वैदिक प्रमाण मिलता यह व्रत कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।इसी क्रम में नगर सहित आसपास ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व सम्पन्न हुआ। व्रती महिलाओं ने व्रत तोड़ कर पारण किये।