रायपुर : छत्तीसगढ़ के तीन कलेक्टरों को आज की सुबह खराब हो गई। तीनों कलेक्टर 11 बजे तक ऑफिस नहीं पहुंचे थे। इसके लिए उन्हें जमकर फटकार पड़ी। चेतावनी भी दी गई कि इसके बाद फिर उन्हें कोई मौका नहीं मिलेगा। बल्कि उनकी कलेक्टरी के बारे में भी विचार किया जाएगा।
बताते हैं, सिस्टम सिर्फ मंत्रालय की टाईमिंग को लेकर सख्त नहीं है बल्कि जिलों में भी सघन निगरानी की जा रही है। इसके लिए सीएम सचिवालय में विशेष सेल बनाया गया है। सेल में पोस्टेड अधिकारी अपने सोर्स से इसका पता भी लगा रहे कि कलेक्टर अगर ऑफिस टाईम पर नहीं आए तो कहीं उनका कोई कार्यक्रम तो नहीं।
आज भी ऐसा ही हुआ। रैंडम चेक करने के लिए तीनों कलेक्टरों के ऑफिस में फोन लगाया गया। वहां से जवाब मिला…साब अभी नहीं आए हैं। फिर पता किया गया, उनका आज का कोई दौरा प्रोग्राम तो नहीं है। मालूम हुआ कलेक्टर घर में हैं।
इसके बाद सचिवालय के एक सिकरेट्री ने उनके मोबाइल पर फोन लगाकर तीनों कलेक्टरों की जमकर क्लास लगाई। उन्हें यहां तक कह दिया कि ये आखिरी मौका है, इसके बाद उन्हें कलेक्टर रहना है या नहीं, इस पर सरकार विचार करेगी।
कुछ कलेक्टरों की तारीफ भी
चार कलेक्टर अस्पताल और स्कूल का निरीक्षण करते पाए गए और दो जनता से मिल रहे थे। इसको लेकर उन्हें एप्रिसियेट किया गया।
चुनाव बाद और तेज
सरकारी कामकाज में कसावट लाने सीएम विष्णुदेव साय ने एक जनवरी की बैठक में अपने रुख स्पष्ट कर दिए थे। इसके बाद उनका सचिवालय एक्शन में है। मगर दो दिन बार नगरीय और पंचायत चुनाव का ऐलान किया जाना है। चुनाव के समय कलेक्टर वैसे भी एक्शन मोड में रहते हैं। फिर भी कोई लापरवाही न हो, इसके लिए कलेक्टरों को ताकीद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अफसर ने बताया कि चुनाव बाद फरवरी लास्ट वीक से इसमें और कड़ाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्किंग कल्चर बनाने और कसावट के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इसमें यह कोई सोच रहा कि कुछ दिन बाद यह मुहिम कमजोर पड़ जाएगी, तो ये भूल होगी। सरकार वर्किंग कल्चर स्थापित करने के लिए कटिबद्ध है।