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क्या गिर जाएगी यूनुस की सरकार? छात्र नेता नाहिद इस्लाम छोड़ेंगे सरकार

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बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है. शेख हसीना की सरकार के दौरान भेदभाव-विरोधी आंदोलन और हिंसक छात्र आंदोलन हुए थे. हिंसक छात्र आंदोलन हसीना सरकार के पतन के कारणों में से एक है. उस छात्र आंदोलन का नेतृत्व छात्र नेता नाहिद इस्लाम कर रहे थे. वह वर्तमान कार्यवाहक सरकार के एक विभाग के सलाहकार भी हैं, लेकिन अब वह फिर से छात्रों के बीच लौटना चाहते हैं.

इससे बांग्लादेश की यूनुस सरकार की स्थिरता को लेकर संशय बढ़ गया है और यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यूनुस सरकार का पतन हो जाएगा?

बता दें कि बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार के गठन के बाद जब यूनुस मुखिया बने तो उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में मुख्य सलाहकार का पद दिया गया है.

सलाहाकार का पद छोड़ देंगे नाहिद इस्लाम

यूनुस के अनुसार, नए बांग्लादेश के निर्माण की दूसरी पारी अभी शुरू हुई है. इस बीच नाहिद ने घोषणा कर दी कि वह सरकार से नाता तोड़ लेंगे. वह अपने छात्रों के पास वापस जाना चाहते हैं. वह अपना सरकारी पद छोड़कर एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू करना चाहते हैं।.

नाहिद ने शनिवार को बांग्लादेशी मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा, “मेरे लिए अब सरकार में रहने की अपेक्षा क्षेत्र में काम करना अधिक महत्वपूर्ण है. इसलिए मुझे लगता है कि मैं अपना सरकारी पद छोड़ दूंगा और पार्टी में शामिल हो जाऊंगा. हालांकि, नाहिद ने यह भी संकेत दिया है कि वह अकेले नहीं जाएंगे. उनके अनुसार, मैं अन्य छात्रों से, जो सरकारी पदों पर हैं, पार्टी कार्य में वापस लौटने का आह्वान करूंगा.

नई राजनीतिक पार्टी का करेंगे गठन

लेकिन नाहिद सलाहकार पद कब छोड़ेंगे? उन्होंने कहा, “मैं इस महीने के मध्य तक अंतिम निर्णय लूंगा. “शायद मैं अगले कुछ दिनों में तुम्हें इसके बारे में बता दूंगा.”

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने आश्वासन दिया है कि देश में इसी वर्ष चुनाव होंगे और उससे पहले नाहिद एक नई पार्टी बनाकर राजनीति में उतरना चाहते हैं, लेकिन अगर वे मैदान में उतरते भी हैं तो नाहिद ने स्पष्ट कर दिया है कि अवामी लीग उन्हें मैदान में उतरने की अनुमति नहीं देगी.

उनके शब्दों में, “न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से अवामी लीग को चुनाव लड़ने से रोका जाएगा. बता दें कि यूनुस सरकार में आवामी लीग के नेताओं के खिलाफ लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं. उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गये हैं.