रायगढ़ : धान खरीदी में अपेक्स बैंक पर सवाल उठ रहे हैं। सच तो यह है कि कलेक्टर ने जो टीमें बनाई थी, उन्होंने ही घोटाले को दबाया। तीन बार सत्यापन के बावजूद गड़बड़ी सामने नहीं आई। कहा जा रहा है कि सत्यापन टीम के प्रत्येक सदस्य को कमाई का एक हिस्सा मिल गया।
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने 7 जनवरी 2925 को सात ब्लॉकों में 69 समितियों के भौतिक सत्यापन के लिए 23 टीमें बनाई थी। रायगढ़, धरमजयगढ़, खरसिया और पुसौर में चार-चार टीमें बनाई गई जिसमें राजस्व, खाद्य, अपेक्स बैंक, मार्कफेड, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग आदि के अधिकारी थे। प्रत्येक टीम को एक केंद्र में एक ही बार जांच करनी थी।
शेड्यूल ऐसा बनाया गया कि 31 जनवरी तक हर केंद्र में कम से तीन बार सत्यापन होना था। 9 बिंदुओं में जांच करके रिपोर्ट देनी थी। इसके अलावा केंद्र में नोडल अधिकारी और अपेक्स बैंक का सुपरवाइजर भी नियुक्त था। सवाल यह है कि सत्यापन दलों ने कितने उपार्जन केंद्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। केवल तमनार खरीदी केंद्र की गड़बड़ी 31 जनवरी के पहले सामने आई। खरीदी खत्म होने के करीब एक माह बाद तिउर, टेंडा नवापारा, केशला 100, लारीपानी और झगरपुर समेत अन्य केंद्रों में सच्चाई छिपा ली गई। सबसे बड़ी अनियमितता सत्यापन दलों ने की। सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए गए अधिकारियों ने प्रबंधकों से वहीं डील कर ली।
रायगढ़ से हर मामले में पिछड़ा सारंगढ़
रायगढ़ जिले से कटकर अलग जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला इस बार धान खरीदी में भ्रष्टाचार को नहीं रोक सका। उल्टा इस बार वहां घोटाला बढ़ गया। रायगढ़ में कुल खरीदी 50.87 लाख क्विं. में से 9.30 लाख क्विं. संग्रहण केंद्र को भेजा गया है। जबकि उपार्जन केंद्र में अभी करीब 24 हजार क्विं. ही शेष है। रायगढ़ में बोगस खरीदी पर कार्रवाई भी हो रही है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ में अंधेरनगरी है। रायगढ़ से कम हुई खरीदी 46.56 लाख क्विं. में से 13.61 लाख क्विं. संग्रहण केंद्र भेजा जा चुका है जो रायगढ़ से डेढ़ गुना अधिक है। अभी भी उपार्जन केंद्रों में करीब 69 हजार क्विं. थान बचा है जो बोगस खरीदी का है। इसे अब राइस मिलर्स व प्रबंधकों से मिलकर बराबर किया जा रहा है। कार्रवाई के नाम पर भी केवल खानापूर्ति हुई।