टीएमसी नेता और मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने भी गुरुवार को इस रैली में हिस्सा लिया। वक्फ कानून के विरोध में ममता बनर्जी सरकार के मंत्री ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम करने की धमकी दी। सभा को संबोधित करते हुए सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा,” अगर वह चाहें तो चक्का जाम करके कोलकाता को ठप कर सकते हैं।
उन्होंने ये भी कहा, ‘अगर हम कोलकाता को ठप करना चाहें तो आसानी से 50 जगहों पर 2000 लोगों को इकट्ठा करके ट्रैफिक जाम करवा सकते हैं। हालांकि, अभी तक हमने ऐसा नहीं किया है, लेकिन हम ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। हमारी रणनीति जिलों से शुरू करने की है और फिर कोलकाता में 50 जगहों पर 10-10 हजार लोगों को तैनात करेंगे। उन्हें कुछ नहीं करना होगा, वे आएंगे, बैठेंगे और मुरमुरे, गुड़ और मिठाई खाएंगे।’
सिद्दीकुल्ला चौधरी के इस बयान की वीडियो को भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है। अमित मालवीय ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा,”पश्चिम बंगाल के राज्य पुस्तकालय मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने स्वीकार किया: “मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया कि वह इस तरह की भीड़ देखकर बहुत खुश हैं।” ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री हैं।
रैली के दौरान तृणमूल विधायक और पुस्तकालय सेवा मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने यह भी कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया है। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि वक्फ कानून को बंगाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा। सिद्दीकुल्लाह राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेताओं में से एक हैं।
पिछले कुछ दिनों से वह केंद्र के नए वक्फ कानून के खिलाफ लगातार मुखर हैं। मालूम हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बुधवार को जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि केंद्र का नया वक्फ कानून बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा।
चौधरी ने वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान हाल में हुई हिंसा की घटना का भी उल्लेख किया। पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में ऐसी कोई स्थिति नहीं थी कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़े। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अशांति से दूर रहने की सलाह दी।
उन्होंने अनुरोध किया कि कोई भी व्यक्ति किसी उकसावे में न आए। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से अपनी-अपनी जिम्मेदारियां निभाने की अपील की। जंगीपुर में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों पर पुलिस वाहनों में तोडफ़ोड़ व पथराव के आरोप लगे थे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के सामूहिक आंदोलन के कारण पहले भी सरकारों ने कानून वापस लिए हैं। हमारा लक्ष्य विभिन्न जिलों, कस्बों से एक करोड़ हस्ताक्षर प्राप्त करना और इस कानून को निरस्त करवाने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को भेजना है।
वक्फ कानून जिसे पिछले सप्ताह संसद द्वारा आधी रात के बाद तक चली बैठकों में पारित किया गया था। जमीयत नेताओं ने कहा कि वक्फ कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 25 व 26 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। चौधरी ने कहा कि यह कानून नौकरशाहों को अत्यधिक अधिकार देकर अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता है।
केंद्र का इरादा वक्फ प्रशासन पर नियंत्रण करना और मुस्लिम समुदाय को अपने धार्मिक बंदोबस्त के प्रबंधन से अलग करना है। इधर, मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन के चलते दिन में हावड़ा ब्रिज सहित कोलकाता में कई जगहों पर लंबा जाम लग गया। यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह वक्फ कानून के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है। मंत्री चौधरी ने कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ हस्ताक्षर स्वयंसेवक बंगाल के विभिन्न जिलों में जाकर एकत्र करेंगे।