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चिकनी दोमट मिट्टी में लगा दें धान की ये किस्म… आंधी-बारिश से नहीं पड़ेगा फर्क! 70 क्विंटल तक मिलेगी उपज

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प्री-मानसून की बारिश के साथ ही किसान धान की खेती की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अगर आप इस खरीफ सीजन में सूखे क्षेत्रों में धान की खेती करना चाहते हैं तो धान की ये किस्म अच्छा विकल्प हो सकता है.

धान की नाटी मंसूरी किस्म किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. यह किस्म जून के महीने में बोने के लिए खासतौर पर उपयुक्त मानी जाती है. इसकी खासियत यह है कि यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती है. इस किस्म की खेती से किसानों को दोहरा लाभ मिलता है – एक तरफ अधिक उपज और दूसरी तरफ बाजार में अच्छी कीमत.

जिला कृषि अधिकारी राजितराम ने बताया कि हमारे यहां धान की खेती खरीफ के सीजन में बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन धान की फसलों में रोग लगने और पानी की कमी के कारण पैदावार करना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में नाटी मंसूरी धान की यह उन्नत किस्म किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है.

धान की नाटी मंसूरी किस्म की खेती के लिए जल निकासी वाली चिकनी मिट्टी या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. इसकी बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और खेत की मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए. बुवाई के बाद धान की नाटी मंसूरी किस्म की फसल करीब 150 से 160 दिनों में तैयार हो जाती है.

एक हेक्टेयर में धान की नाटी मंसूरी किस्म की खेती करने से करीब 60 से 70 क्विंटल तक का उत्पादन होता है. आप इसकी खेती से लाखों रुपये की कमाई आराम से कर सकते हैं.

नाटी मंसूरी धान की इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 90-92 सेमी और तना मजबूत होता है, जिससे फसल गिरने का जोखिम नहीं रहता. इस किस्म के दाने पतले और चमकदार होते हैं, जिससे बाजार में इसकी कीमत अधिक मिलती है.

नाटी मंसूरी किस्म की बुवाई से पहले बीज को फफूंदनाशक जैसे कार्बेन्डाजिम से उपचारित करना जरूरी है. ताकि फसल जड़ की बीमारियों से बच सके. एक एकड़ में धान की बुआई के लिए 8-10 किलो बीज की मात्रा पर्याप्त है.