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मानव तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: सभी वेश्यालय बंद हों, तस्करी में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त हो

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मानव तस्करी को दास प्रथा का आधुनिक रूप बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा है. कोर्ट ने हर राज्य में मानव तस्करी निरोधक ब्यूरो बनाने से लेकर ऐसे मामलों की जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) जैसी राष्ट्रीय संस्था बनाने की सिफारिश की है.

कोर्ट ने इस फैसले में वेश्यालय बंद करने, बच्चों से खतरनाक काम करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और मानव तस्करों की संपत्ति जब्त करने जैसी बातें भी कही हैं.

नवजात बच्चों की चोरी कर बेचने वाले एक गिरोह के सदस्यों की जमानत रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारडीवालल और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 95 पन्नों का विस्तृत फैसला लिखा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से सहायता मांगी थी. NHRC ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BIRD) को चुना था. सुप्रीम कोर्ट ने BIRD की सिफारिशों को अपने फैसले में जगह दी है.

कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा है कि वह फैसले के पैराग्राफ 34 में दर्ज की गई सिफारिशों को पढ़ें और उन पर अमल शुरू करें. कोर्ट ने जो 22 सिफारिशें फैसले में दर्ज की हैं, उनमें से मुख्य यह हैं :-

* बच्चों के गायब होने की घटनाओं को तब तक अपहरण या मानव तस्करी की तरह देखा जाए, जब तक जांच में कोई और बात सामने नहीं आती* बच्चों को तस्करी और खतरनाक कामों से बचाने के लिए ज्युवेनाइल जस्टिस एक्ट और बाल श्रम निषेध कानून के प्रावधानों पर सख्ती से अमल हो. इन कानूनों का उल्लंघन करने वालों को सजा मिले.* जो लोग पीड़ित हैं, पुलिस उनका विश्वास जीतने की कोशिश करे. उन्हें ऐसा न महसूस कराए जैसे उनके खिलाफ ही जांच हो रही है.* पीड़ित अगर स्थानीय भाषा बोलने में सक्षम नहीं हैं, तो अनुवादक की मदद ली जाए जो उनकी बात समझ सके. हर जिले में डेटा बेस तैयार किया जाए, जिसमें अलग-अलग भाषाएं समझने में सक्षम अनुवादकों की जानकारी हो.* सभी वेश्यालय बंद होने चाहिए. इसके लिए एक्शन प्लान बनाया जाए. वेश्यालय चलाने वाले और पुलिस का गठजोड़ ध्वस्त करने की जरूरत है. यह मानव तस्करी की बड़ी वजह है.* वेश्यालय से छुड़ाई गई महिलाओं के लिए सम्मानजनक रोजगार की व्यवस्था बनाई जाए.* प्लेसमेंट एजेंसी, वेश्यालय चलाने वालों, फर्जी कागज बनाने वाले, लोगों को देश से बाहर भेजने का अवैध कारोबार करने वाले और रिश्वत लेकर काम करने वाले दूतावास कर्मचारियों और बॉर्डर गार्ड्स पर सख्त कार्रवाई हो.

  1. * आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तरह मानव तस्करी के मामलों की जांच के लिए भी एक विशेष जांच संस्था बने.* गृह मंत्रालय रेल मंत्रालय से समन्वय बनाए. ट्रेनों के जरिए होने वाली मानव तस्करी को रोकने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और रेलवे पुलिस (GRP) की मदद ली जाए.
  2. * बाल श्रम (चाइल्ड लेबर) के मामलों में श्रम विभाग के कर्मचारी सिर्फ अपनी कार्रवाई तक सीमित न रहें. वह अनिवार्य रूप से पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करवाएं.
  3. * बच्चे अपनी बात बिना घबराए कोर्ट में रख सकें, इसके लिए चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट बनाए जाएं.
  4. * मानव तस्करी में शामिल लोगों से सख्ती हो. उनके खिलाफ बैंक खाता फ्रीज करने और अवैध संपत्ति जब्त करने जैसी कार्रवाई हो.

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