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अब्बास सिद्दीकी ने उकसाया तो खून बहाने निकल पड़ी उन्मादी भीड़; आ रहा फुरफुरा शरीफ का भी नाम… बंगाल का मुर्शिदाबाद बना हिंदुओं के साथ सुरक्षा बलों का भी नर्क

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श्चिम बंगाल में नया वक्फ कानून इन दिनों चर्चा और विरोध का केंद्र बना हुआ है। इस कानून के खिलाफ जारी विरोध अब मुर्शिदाबाद से आगे बढ़ते हुए दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके तक पहुंच चुका है, जहां सोमवार (14 अप्रैल 2025) को हालात बेकाबू हो गए।

भांगड़ में भड़की हिंसा

भांगड़ में वक्फ कानून के विरोध में निकले प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने न केवल जमकर तोड़फोड़ की, बल्कि आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके अलावा, एक पुलिस वैन को भी नुकसान पहुंचाया गया और कई बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की और दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

हिंसा के पीछे अब्बास सिद्दीकी और ISF का हाथ?

इस घटना को लेकर पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस प्रदर्शन को हवा देने में फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी और उनकी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) की अहम भूमिका रही। सिद्दीकी पर आरोप है कि उन्होंने मुसलमानों को भड़काकर विरोध को उग्र रूप दिया। पुलिस द्वारा पकड़े गए दोनों आरोपियों का संबंध भी ISF से बताया जा रहा है।

सोनपुर में पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी

मुर्शिदाबाद की घटनाओं के बाद सोमवार (14 अप्रैल 2025) को भांगड़ के सोनपुर गांव में ISF कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। आरोप है कि इस पूरे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व खुद ISF विधायक नौशाद सिद्दीकी कर रहे थे, जो अब्बास सिद्दीकी के भाई हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वक्फ कानून को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताते हुए सिद्दीकी बंधुओं ने युवाओं को भड़काया। बताया जा रहा है कि कुछ संगठनों ने घर-घर जाकर यह बात फैलाई कि केंद्र सरकार इस कानून की आड़ में मुसलमानों की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।

अब्बास सिद्दीकी के पुराने विवादास्पद बयान

यह पहली बार नहीं है जब अब्बास सिद्दीकी विवादों में घिरे हैं। अक्टूबर 2021 में उसने बांग्लादेश की एक घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान रखने वालों का “सिर कलम कर देना चाहिए”। उसने यह भी कहा था कि जो मुस्लिम युवा हिंदू त्योहारों में भाग लेते हैं, उन्हें इस्लाम धर्म छोड़ देना चाहिए। उसका यह बयान उत्तर 24 परगना जिले में एक धार्मिक सभा के दौरान दिया गया था, जिसके बाद भाजपा सहित कई दलों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।