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‘सिंदूर पोंछ-चूड़ियां उतार हमारे साथ चलो…पतियों को छोड़ देंगे’; पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

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हिंसा का दर्द पीड़ितों के चेहरे आंसू बनकर बह रहे हैं। खौफ इतना है कि खटका होते ही पूरा परिवार नींद में भी चौंक जा रहा है। बेदवान की महिलाएं उस दिन की हैवानियत की बात सुनाते हुए फूट-फूट कर रो पड़ती हैं। एक महिला अपनी दर्द की कहानी सुनाते हुए फफक-फफक कर रोते हुए बोली-कई उपद्रवी मेरे घर में घुस आए। मुझे पकड़ लिया। हाथ पर खरोंच के निशान दिखाते हुए बोली, किसी तरह अपने को बचाया। एक उपद्रवी ने कहा तुम जिंदा रहना चाहती हो तुम अपना सिंदूर पोंछ लो, ये चुड़ियां तोड़ डालों और हमारे साथ चलो। तुम्हारे पति को छोड़ देंगे। अगर तुम हमारे साथ चलोगी, तभी तुम जिंदा रह पाओगी। कहते हुए-फफक-फफक कर रो पड़ती हैं।

राष्ट्रपति जी, आप हम महिलाओं की पुकार सुनिए
भय और इज्जत खोने की डर से त्रस्त बेदवान की महिलाओं ने प्रधानमंत्री और महामहिम राष्ट्रपति से कातर अपील की है। महिलाओं ने कहा, हम हाथ जोड़ कर महामहिम राष्ट्रपति जी से विनती करती हैं, आप एक महिला हैं। किसी महिला की इज्जत ही महिला का सब कुछ होता है। आपसे विनम्र निवेदन है कि हमको बचा लीजिए। हम बहुत डरी हुई हैं।

चुन-चुनकर हिंदुओं को बनाया निशाना
उस दिन धूलियान शहर में हजारों की भीड़ ने चुन-चुन कर हिंदु दुकानों को निशाना बनाया। शहर के दुकानदार अभी तक उस दहशत से उबर नहीं पाए हैं। एक दुकानदार बंद दुकान के बाहर फीता लेकर एक नाप-जोख कर रहे थे। उनसे पूछा कि यह क्या कर रहे हैं तो कहा, लोहे की गार्ड लगाने की तैयारी कर रहा हूं। बहुत कर्ज लेकर दुकान बनाया है, कहीं ऐसा न हो कि फिर उपद्रवी दुकानों पर हमला बोल दें, और दुकान को जला दें।

दो सौ मीटर दूर पहुंचने में पुलिस को लग गए 4 घंटे
अपने जले हुए घर को दिखाते हुए धुलियान निवासी एक बुजुर्ग ने कहा, हमें पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। उस दिन पुलिस केवल मूक दर्शक बनी रही। एक तरफ उपद्रवियों के डर से खुद को बचा रहे थे, घर के एक कमरे में किसी तरह से बच्चों को लेकर छिपे हुए थे, और लगातार पुलिस को फोन कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने उस वक्त किसी तरह की मदद नहीं की। उन्होंने कहा, आप सोचिए, हमारा घर पुलिस थाने से केवल और केवल दो सौ मीटर दूर है। लेकिन पुलिस आई चार घंटे बाद। ऐसी पुलिस पर भरोसा करें तो कैसे करें।

पीड़ित बोले-उपद्रवियों ने 40 से अधिक मंदिर तोड़े
धूलियान के 82 वर्षीय षष्टी घोष बताते हैं कि शुक्रवार को 12 बजे मस्जिद से घोषणा हुई कि वक्फ बोर्ड के विरोध में हमको दो बजे रैली करना है। आप जहां भी हैं, वहां इकट्ठा हो जाइए। करीब 15 से 20 हजार लोग रैली में शामिल थे। रैली जब हिंदुओं के इलाके में पहुंची तो घोषपाड़ा में इन्होंने पत्थरबाजी की और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। गौरांग मंदिर उसके बाद दुर्गा मंदिर पर आग लगा दी। यहां पर जब प्रतिवाद हुआ तो वे वहां से चले गए। इस दौरान कई दुकानों में तोड़ फोड़ की और दुकानों को आग के हवाले किया। इसके बाद उन्होंने डाक बंगला के बाद शितला मंदिर में तोड़ फोड़ की, काली मंदिर में तोड़फोड़ की। वहां के हिंदुओं के घरों में तोड़ फोड़ की, लूटपाट की और आग के हवाले किया। उसके बाद वे चले गए रेल गेट का सिग्नल तोड़ा, ट्रेफिक लाइट का सिग्नल तोड़ा। करीब 40 मंदिरों में तोड़फोड़ की।