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अवैध रेत खनन और परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, खनिज विभाग ने 30 वाहन किए सीज

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जांजगीर चांपा : जांजगीर चांपा जिला की जीवनदायिनी नदी महानदी के सीने पर रेत माफिया का कारोबार फल फूल रहा है.रोजाना बिना अनुमति के बड़ी गाड़ियों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करवाया जा रहा है. नियम को ताक में रख कर नदी में चैन माउन्टेन मशीन उतारकर रेत भरा जा रहा है.जिसकी लगातार शिकायत खनिज विभाग से की जा रही थी.आखिरकार विभाग की नींद टूटी और रेत माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई.जिसके बाद रेत माफिया में हड़कंप मच गया है.

कहां की कार्रवाई : जिला खनिज अधिकारी अनिल साहू के मुताबिक खनिज विभाग की टीम ने सुबह पीथमपुर क्षेत्र में दबिश दी और हसदेव नदी के अंदर रेत का अवैध उत्खनन कर हाईवा में लोडिग करते हुए चैन माउंटेन, पांच हाईवा और पंतोरा क्षेत्र से 13 ट्रेक्टर पर कार्रवाई की है. जिला के खनिज अधिकारी ने स्वीकार किया कि कई स्थानों से लगातार रेत के अवैध उतखन्न और अवैध परिवहन की शिकायत मिल रही थी.

खनिज विभाग की टीम ने दो दिनों में 30 वाहनों पर कार्रवाई की है. खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. खनिज माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी- अनिल साहू, जिला खनिज अधिकारी

क्यों हो रहा है अवैध खनन ?: जांजगीर चांपा जिले से सबसे ज्यादा रेत उपलब्ध होती है. यहां हसदेव नदी और महानदी में प्रचूर मात्रा में रेत है.यहां शासन को करोड़ों रूपए की राजस्व की आमदनी होती है.लेकिन इस बार रेत घाटों का नीलामी नहीं होने के कारण अधिकांश रेत घाट राजनितिक संरक्षण प्राप्त बाहुबली लोग संचालित कर रहे हैं. नदी में बड़े-बड़े मशीन उतारकर रेत का उत्खनन कर रातों रात हाईवा और बड़े वाहनों से बेच रहे हैं.जांजगीर के शिवरीनारायण क्षेत्र के महानदी के घाट का रेत बिलासपुर, मुंगेली जिला में बेचा जा रहा है.वहीं पंतोरा चांपा क्षेत्र से निकली हसदेव नदी का रेत भी दूसरे जिला में अधिक कीमत में बेचा जा रहा है. शासन को करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा है.मामले की शिकायत होने पर खनिज विभाग के अधिकारी कभी कभार कार्रवाई करते हैं.जिसके कारण रेत माफिया रेत के अवैध कारोबार को धड़ल्ले से करते है.

आपको बता दें कि जांजगीर चांपा जिला में रेत में अवैध कारोबार के कारण रेत की कीमत में बेतहासा वृद्धि हो गई है.जिसके कारण लोगों को घर बनाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं रेत कीमत में दो गुना अधिक होने के कारण गरीबों के लिए बनने वाले प्रधानमंत्री आवास भी प्रभावित हो रहा है.लोगों को राहत दिलाने के लिए शासन को जल्द ही रेत,गिट्टी को लेकर कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है. तभी रेत माफियाओं पर अंकुश लगा पाएगा.