गोल्ड की कीमत के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद इसमें गिरावट देखी जा रही है. सोने की कीमत में यह कमी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों के बाद देखी जा रही है.
उनके बयान से निवेशकों के बीच डर कम हुआ है, जिससे सोने के दाम नीचे आ रहे हैं. इंटरनेशल मार्केट में 23 अप्रैल को सोने की कीमत में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखी गई. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का दाम पहली बार 3,500 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंचा था, लेकिन बाद में इसकी कीमत नीचे आ गई. दूसरी तरफ एशियाई मार्केट में भी सोने का दाम 1.9% तक गिर गया. मंगलवार को भी इसमें गिरावट आई थी.
सोने की कीमतें क्यों गिरीं?
इंटरनेशनल मार्केट में सोना मंगलवार को 3500.10 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा गया था. लेकिन इसके तुरंत बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाना शुरू कर दिया. बाजार में रिस्क लेने की चाहत बढ़ी, शेयर बाजार में तेजी देखी गई और बॉन्ड व डॉलर स्थिर हो गए. इससे सोने की मांग में गिरावट आई. अप्रैल महीने के दौरान सोने की कीमत में काफी तेजी देखी गई. पिछले 14 दिन के रिलेटिव-स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) से यह पता चला कि सोना ‘ओवरबॉट’ हो गया था, यानी इसकी कीमत जरूरत से ज्यादा बढ़ गई. ऐसे में कीमत नीचे आना स्वाभाविक है.
ट्रंप के बयान से बदला माहौल
सोने की कीमत में तेजी का बड़ा कारण ट्रंप की सख्त व्यापार नीतियां, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी इकोनॉमी को लेकर चिंताएं थीं. लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने कुछ नरम बयान दिए. उन्होंने कहा कि वह फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल से नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने ब्याज दरें जल्दी नहीं घटाईं. लेकिन ट्रंप ने यह भी कहा कि वह पॉवेल को हटाने की योजना नहीं बना रहे हैं. इससे निवेशकों का भरोसा बाजार पर बढ़ा. ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन से आयात पर लगने वाला 145% का टैरिफ ‘काफी कम’ हो जाएगा. ट्रंप के इस बयान से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का डर भी कम हुआ, जिसके चलते सोने की मांग में गिरावट आने लगी.
सोने की कीमतें अभी भी हाई लेवल पर
पिछले दो दिन में सोना नीचे आया है लेकिन इस साल अब तक 25% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. व्यापारिक तनाव और ग्लोबल इकोनॉमी की खराब स्थिति ने सोने को सुरक्षित निवेश बनाया. केंद्रीय बैंकों और गोल्ड-बैक्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) निवेशकों की मजबूत खरीदारी ने भी सोने की कीमत को सपोर्ट किया.
सोने का भविष्य क्या?
सोने की कीमत में आ रही यह गिरावट अस्थायी हो सकती है. जानकारों का कहना है कि अगर ट्रंप की पॉलिसी में फिर से बदलाव हुआ या ग्लोबल टेंशन बढ़ी तो सोने की मांग फिर से बढ़ सकती है. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और निवेशकों का भरोसा अभी भी सोने के पक्ष में है. लेकिन अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते सुधरते हैं तो इससे आने वाले समय में सोने की कीमत पर दबाव देखने को मिल सकता है.
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे बाजार पर नजर रखें. सोने की कीम में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गिरावट खरीदारी का मौका हो सकता है. लेकिन शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए. ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता के कारण सोने की कीमत फिर से ऊपर जा सकती हैं.
घरेलू बाजार में सोने का हाल
भारतीय बाजार में सोने की कीमत में मंगलवार सुबह तो तेजी देखी गई लेकिन दोपहर बाद यह नीचे गिर गया. सुबह के समय कारोबारी सत्र की शुरुआत में सोना 99100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला. लेकिन शाम को यह गिरकर 98484 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. पिछले एक महीने की बात करें तो गोल्ड प्राइस में करीब 10000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई है. 20 मार्च 2025 को दिल्ली में सोना 88406 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था. लेकिन 22 अप्रैल को यह 98484 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ.