जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद वहाँ रिपोर्टिंग करने गईं ABP न्यूज की पत्रकार चित्रा त्रिपाठी के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। वीडियो वायरल है। इसमें स्थानीय भीड़ चित्रा त्रिपाठी पर भड़कती दिख रही है। पत्रकार बार-बार चिल्लाकर बता रहीं हैं कि वो बस अपना काम करने आई हैं लेकिन भीड़ बिलकुल उनकी नहीं सुन रही और उन्हें घेरकर खड़ी है।
क्या है वायरल वीडियो में
वीडियो में दिख रहा है कि चित्रा त्रिपाठी स्थानीय महिलाओं को समझाने का प्रयास कर रही हैं कि वो सिर्फ अपने काम से यहाँ हैं, मगर पीछे खड़ी भीड़ उन्हें वहाँ रुकने नहीं देती। वो फिर कहती हैं- “मैं जर्नलिस्ट हूँ लेकिन आप मेरे साथ गाली-गलौच कर रहे हैं- ये बेहद गलत बात है… मारना है तो मार दो।”
इसके बाद कुछ लोग चित्रा से बात करने लगते हैं और पीछे से एक समूह जोर-जोर से गोदी मीडिया हाय-हाय के नारे लगाते रहता है। वीडियो में कुछ मुस्लिम युवकों का ‘गुलिस्तां हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं’ जैसे नारे लगाते भी देखा गया। इसके अलावा – कश्मीर से आवाज आई- ‘हिंदू मुस्लिम भाई-भाई भी चिल्लाते लोगों को देखा गया।’
‘कश्मीर की यही हकीकत’
वीडियो को सोशल मीडिया पर असम के मंत्री अशोक सिंघल ने भी साझा किया है। उन्होंने लिखा, “चित्रा त्रिपाठी की लगभग लिंचिंग हो गई थी। यही कश्मीर और कश्मीरियत की हकीकत है। आप आप उन लोगों के साथ शांति वार्ता नहीं कर सकते जिनका अस्तित्व आपके विनाश पर निर्भर करता है।”
‘पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर दिखाओ’
वीडियो को सोशल मीडिया पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने साझा किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- “24 घंटे से कम समय में ही नकाब उतर गए! कल हिंदुओं को उनका नाम पूछ कर, उनका धर्म जान कर मार दिया गया। आज श्रीनगर में जो पत्रकार हिंदुओं को निशाना बनाने पर रिपोर्टिंग कर रहे थे उन्हें स्थानीय लोगों ने निशाना बनाया। रिपब्लिक टीवी और एबीपी की महिला पत्रकारों को घेर कर हूटिंग की गई और ‘गोदी मीडिया हाय हाय’ के नारे लगाए गए।”
उन्होंने चित्रा त्रिपाठी को घेरकर की गई इस तरह की हूटिंग को शर्मनाक करार देते हुए नारा लगाने वालों से पूछा कि गुर्दा है तो पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगा कर दिखाओ।”
बता दें कि इस वीडियो के सामने आने के बाद एक तरफ जहाँ चित्रा त्रिपाठी को लोग मजबूत रहने के लिए हौंसला दे रहे हैं। वहीं एक धड़ा ऐसा है जो उन्हें घेरकर प्रताड़ित किए जाने को सही ठहरा रहा है। इन समूह के हिसाब से हर गोदी मीडिया के साथ ऐसा ही होना चाहिए। उनका कहना है कि गोदी मीडिया ये क्यों दिखा रहा है कि इस्लामी आतंकियों ने हिंदुओं को निशाना बना दिया जबकि आपको बता दें कि हकीकत ही यही है कि ये बातें खुद चश्मदीदों और पीड़ितों ने बताई हैं।
पीड़ितों ने खुद कहा है कि आतंकी आए, नाम पूछा, पैंट उतरवाकर खतना देखा और हिंदू निकलने पर लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। बावजूद इसके ये धड़ा इस हमले को ऐसे दिखाने पर जुटा है जैसे इसमें सारी गलती मीडिया कि है कि वो क्यों इस्लामी कट्टरपंथियों का चेहरा उजागर कर रही हैं।