इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने शनिवार को द्विराष्ट्र सिद्धांत को दोहराते हुए फिर से कहा कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। मुनीर की यह टिप्पणी लगभग एक सप्ताह पहले एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताए जाने के बाद आई है।उन्होंने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों से देश की कहानी अपने बच्चों को बताने को कहा था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनके पूर्वजों का मानना था कि हिंदू और मुसलमान जीवन के हर पहलू में भिन्न हैं।
खैबर-पख्तूनख्वा पहुंचे थे मुनीर
मुनीर शनिवार को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल इलाके में पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) में कैडेट की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, द्विराष्ट्र सिद्धांत इस बुनियादी मान्यता पर आधारित था कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, एक नहीं।
कहा कि मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं-धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा और सोच में हिंदुओं से अलग हैं। पाकिस्तान कई कुर्बानियों के बाद हासिल हुआ है और इसे सुरक्षित रखना सशस्त्र बलों का कर्तव्य है। हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान के निर्माण के लिए बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं। हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है।कश्मीर का राग फिर अलापा
- मुनीर ने 16 अप्रैल को प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया था और उन्होंने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों से देश की कहानी अपने बच्चों को बताने का भी आग्रह किया था। मुनीर ने कहा था, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह (कश्मीर) हमारे गले की नस थी, यह हमारे गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे।
- उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक एमए जिन्ना द्वारा प्रतिपादित द्विराष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा था- आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी बतानी होगी, ताकि वे यह न भूलें कि हमारे पूर्वज सोचते थे कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं और हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यहीं से द्विराष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई। हम दो राष्ट्र हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं।