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जब आदिवासी मारे गए तब नहीं हुई पीड़ा: गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सल शांति वार्ता को लेकर जताई नाराजगी

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रायपुर :  नक्सली आपरेशन को लेकर तेलंगाना में कुछ संगठनों ने शांति वार्ता की पहल की है, इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आखिर यह लोग होते कौन है? कौन है ये लोग, दाल में जरूर कुछ काला है। नक्सली बताएं उनकी तरफ से कौन बात करेंगे? बस्तर में कई बड़ी घटनाएं हुई तब कहां थे? कई बड़े हमले के बाद वार्ता के लिए क्यों नहीं आए? कई ग्रामीण और कई नेता मारे तब क्यों नहीं आए? जाहिर है कि गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से सीधा सवाल किया है कि नक्सलियों की तरफ से चर्चा के लिए कौन आएगा पहले यह बताएं?

आपको बता दें कि कर्रेगुटा पहाड़ी पर 8 दिनों से नक्सल करवाई जारी है। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि आज तेलंगाना वाले फंस रहे हैं तो पीड़ा हो रही है, छत्तीसगढ़ के आदिवासी मारे गए तो पीड़ा नहीं हुई। छत्तीसगढ़ में नक्सल मुठभेड़ में 400 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं।

दरअसल, बहुत पहले से कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली यहीं के आदिवासी हैं, जो सामने आते हैं और इनको कंट्रोल करने वाले तेलंगाना आंध्र प्रदेश के हैं। जब पुलिस मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासी नक्सली मारे जाते थे तब कोई पीड़ा नहीं होती थी लेकिन आज हो रही कार्रवाई में उनके सभी बड़े लीडर्स फंसे हुए हैं और अपनी जान बचाने के लिए अब शांति वार्ता की बात कह रहे हैं।