जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को खूबसूरत बैसरन घाटी को आतंकियों ने खून से लहूलूहान कर दिया था। बेकसूर पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की थी। इस आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के कई ठिकानों को तहस-नहस कर दिया।
भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारत की इस जवाबी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आतंकी को ढेर कर दिया गया। मसूद अजहर और हाफिर सईद जैसे आतंकी कमांडर के ठिकानों को भारतीय सेना ने नेस्तानाबुद कर दिया।
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने सबसे ज्यादी तबाही बहावलपुर और मुरीदके में मचाई। पाकिस्तान का बहावलपुर देर रात के एक के बाद एक धमाकों से दहल उठा। हर तरफ धुंआ-धुंआ हो गया। बता दें कि पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। यह शहर लाहौर से लगभग 400 किमी दूर है और यहां JeM का मुख्यालय ‘जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह’ परिसर में स्थित है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है। यही वजह है कि भारतीय सेना ने इस अपना टारगेट बनाया।
‘मरकज-ए-तैयबा’ कैंप पूरी तरह तबाह
आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान में मुरीदके में भी जमकर तबाही मचाई। वहां के एक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, रात के करीब 12:45 बजे, पहले एक ड्रोन आया, उसके बाद तीन अन्य ड्रोन आए और उन्होंने मस्जिदों पर हमला कर दिया। सब कुछ तबाह हो गया। इसके साथ भारतीय सेना ने लश्कर के ‘मरकज-ए-तैयबा’ कैंप को निशाना बनाया। सूत्रों की मानें तो यहीं पर 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। अब ये ठिकाने सिर्फ नक्शों में बचे हैं। भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े अड्डे मरकज-ए-तैयबा को निशाना बनाया। यह वही मुख्यालय है जहां 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
मसूद अजहर और हाफिज सईद के नाम पर सस्पेंस
क्या इस हमले में मसूद अजहर मारा गया? हाफिज सईद का क्या हुआ? फिलहाल इन सवालों से पर्दे नहीं हटा है। इनके मरने की पुष्टि नहीं की गई है। मगर आतंक क आकांओं के ठिकानों को मिट्टी में मिली दिया गया है। बता दें कि 1968 में बहावलपुर में जन्मा मौलाना मसूद अजहर 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था। 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट के अपहरण के बाद उसे छोड़ा गया और उसने तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की। माना जाता है कि अजहर ने आतंकी अभियान शुरू करने से पहले अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से आशीर्वाद लिया था। उसके संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से न केवल संरचना, बल्कि वित्तीय सहायता भी मिलती रही है। मगर अब भारत ने उसकी कमर तोड़ दी है।