कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने सरहद पार से कई दिनों तक चली झड़पों के बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर बयान दिया है. कांग्रेस नेताओं ने भारत सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है और इस फैसले को बुद्धिमानी भरा और जरूरी कदम बताया है.
जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी की तारीफ की और स्थिति को और न बिगाड़ने के लिए इसे एक ‘बुद्धिमानी भरा’ फैसला बताया. वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत जो सबक देना चाहता था, वह दे दिया गया है और संघर्ष को लंबा खींचने का कभी इरादा नहीं था.
7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के भीतर भारतीय हमलों के बाद लिखते हुए चिदंबरम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने खतरों को पहचाना ही नहीं बल्कि ‘बुद्धिमानी से चुनिंदा लक्ष्यों तक सीमित एक संतुलित सैन्य प्रतिक्रिया का चयन भी किया है.’
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में मौजूद नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान में चार और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पांच मिसाइलें और ड्रोन दागे थे. यह अभियान पैमाने और दायरे में किया गया था, जिससे बस्तियों या पाकिस्तान की सैन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए बिना अपने टारगेट को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. उन्होंने कहा, ‘यह एक पीड़ित देश की वैध प्रतिक्रिया थी’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह मान लेना भोलापन होगा कि पाकिस्तान में बैठे सैन्य अधिकारी आने वाले दिनों और हफ्तों में और ज्यादा आक्रामक तरीके से जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे.’ आगाह करते हुए चिदंबरम ने लिखा, ‘यह मान लेना भी उतना ही भोलापन होगा कि टारेगेट तीन आतंकवादी संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) – 7 मई की प्रतिक्रिया में खत्म हो गए.’ उन्होंने कहा कि, ‘उनका नेतृत्व अभी भी बरकरार है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘अतीत में उन्होंने यह प्रदर्शित किया है कि वे मारे गए नेताओं के स्थान पर नए नेताओं को खड़ा करने में सक्षम हैं.’
चिदंबरम की चेतावनी
चिदंबरम ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘इससे भी अहम बात यह है कि पाकिस्तान में ऐसे युवा हैं जो भारत में आतंकवादी कृत्य करने के लिए भर्ती होने, ट्रेंड होने और प्रेरित होने के लिए तैयार हैं, जिसमें अपनी जान की कुर्बानी भी शामिल है. जब तक पाकिस्तान के सैन्य आका और आईएसआई का शासन रहेगा, तब तक भारत के लिए खतरा खत्म नहीं होगा.’
‘युद्ध निर्दयी है’
उन्होंने माना कि किसी भी सशस्त्र संघर्ष में दोनों पक्षों के लोगों की जान और सैन्य उपकरणों का नुकसान है. उन्होंने लिखा, ‘यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि केवल एक पक्ष को ही जान या सैन्य उपकरणों का नुकसान होगा. सरहद पार से गोलीबारी में भारतीय नागरिकों की मौतों का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे ‘दुखद और दर्दनाक’ बताया, लेकिन ‘कुछ लोगों की जान जाना अपरिहार्य है. उन्होंने आगे कहा, ‘अगर एहतियाती उपायों के बावजूद सीमा पार से गोलाबारी फैलती है, तो भारतीय पक्ष को और अधिक नुकसान होगा. उन्होंने लिखा, ‘युद्ध निर्दयी है.’
‘भारतीय विमान को मार गिराने का दावा बेकार’
इस बीच, पाकिस्तान ने भारतीय विमान को मार गिराने का दावा किया, जिसे चिदंबरम ने ‘बेकार दावे’ बताकर खारिज कर दिया और बीबीसी पर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के हकलाने और टालमटोल वाले अंदाज में पेश होने को विश्वसनीयता की कमी का सबूत बताया.
अपना मकसद पूरा कर लिया’: शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी यही बात दोहराई कि सरकार की प्रतिक्रिया ने अपना मकसद पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा, ‘हम उस स्थिति में पहुंच गए थे, जहां तनाव बेवजह कंट्रोल से बाहर हो रहा था. हालांकि, थरूर ने कहा कि सरकार को अब पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा, हमारे लिए शांति ज़रूरी है। सच तो यह है कि 1971 की परिस्थितियां 2025 की परिस्थितियां नहीं हैं. मतभेद हैं… यह ऐसा युद्ध नहीं था जिसे हम जारी रखना चाहते थे. हम बस आतंकवादियों को सबक सिखाना चाहते थे, और वह सबक सिखाया जा चुका है.’