IPL Final 2025: 18 सालों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल का खिताब जीत लिया है। 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर पहली बार खिताब पर कब्जा किया।
आईपीएल 2025 का यह फाइनल मैच बेहद रोमांचक रहा। भले ही पंजाब किंग्स को इस मुकाबले में जीत नहीं मिली, लेकिन टीम का एक खिलाड़ी ऐसा था, जिसने आखिरी गेंद तक टीम को जीत दिलाने के लिए पूरी जान झोंक दी। वह खिलाड़ी थे छत्तीसगढ़ के लाल शशांक सिंह।
पंजाब किंग्स को जब 2 ओवर में 41 रन चाहिए थे, तब जीत की उम्मीद लगभग खत्म हो गई थी। लेकिन शशांक सिंह ने हार नहीं मानी। उन्होंने 19वें ओवर में 13 रन बनाए और फिर आखिरी ओवर की अंतिम चार गेंदों पर 22 रन ठोक दिए। इसमें तीन जबरदस्त छक्के और एक चौका शामिल था। अगर दो गेंदें और मिल जातीं, तो शायद शशांक पंजाब को फाइनल जिता देते। लेकिन पंजाब की टीम को 6 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी। शशांक नाबाद 61 रन (30 गेंद, 6 छक्के) बनाकर लौटे।
गौरतलब है कि जब पंजाब किंग्स को आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रनों की दरकार थी, दूसरी गेंद के बाद कैमरे का सारा फोकस विराट कोहली की तरफ मुड़ गया, जिनकी आंखें नम थीं। दूसरी तरफ शशांक सिंह की आंखों में भी आंसू थे और वह बाउंड्री लाइन की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान टीम के साथी और कप्तान श्रेयस अय्यर ने उनकी हौसला-अफज़ाई भी की। सब जानते थे कि उन्होंने आखिरी दम तक लड़ाई लड़ी। भले ही ट्रॉफी नहीं मिली, लेकिन फैंस के दिलों में शशांक की जगह पक्की हो गई। मैच के बाद सोशल मीडिया पर फैंस शशांक की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं और ब्रॉडकास्टर की आलोचना भी कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने सारा फोकस सिर्फ विराट कोहली पर रखा।
आईपीएल 2024 की नीलामी में पंजाब किंग्स ने गलती से शशांक सिंह को खरीद लिया था। असल में वे किसी और शशांक पर बोली लगाना चाहते थे। लेकिन किस्मत ने उन्हें पंजाब की जर्सी पहना दी और उन्होंने ऐसा खेल दिखाया कि टीम ने 2025 में उन्हें ₹5.5 करोड़ रुपये की भारी कीमत अदा कर उन्हें रिटेन कर लिया। पंजाब की टीम में शशांक की अहमियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि फ्रेंचाइजी ने इस सीजन सिर्फ दो खिलाड़ियों प्रभसिमरन सिंह और शशांक को रिटेन किया था। पंजाब के भरोसे को शशांक ने अपने दमदार प्रदर्शन से सही साबित किया। साल 2024 और 2025 दोनों सीज़न में उन्होंने शानदार फिनिशर की भूमिका निभाई और कई मैच जिताए।
परिवार से मिला पूरा सहयोग
शशांक के पिता शैलेश सिंह एक सख्त और अनुशासित IPS अधिकारी रहे हैं। उनकी मां सुनीता सिंह रिलायंस कंपनी में काम करती थीं, जबकि बहन श्रुतिका सिंह ONGC में कार्यरत हैं। पूरा परिवार शशांक के क्रिकेट करियर को लेकर बेहद समर्पित रहा है। उनके पिता ने घर पर ही टर्फ पिच बनवा दी थी, ताकि शशांक को अभ्यास के लिए किसी चीज़ की कमी न हो।
शशांक ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई से की थी, लेकिन वहां उन्हें सीमित मौके मिले। बाद में उन्होंने छत्तीसगढ़ रणजी टीम से खेलने का फैसला लिया। यही फैसला उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना। छत्तीसगढ़ की टीम में उन्हें प्रदर्शन का भरपूर मौका मिला और यहीं से उनकी पहचान बनी।
आज शशांक सिर्फ IPL स्टार नहीं हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (CSCS) की टी-20 लीग यानी छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग (CCPL) में बिलासपुर बुल्स के कप्तान भी हैं।
शशांक सिंह 2023 में विजय हजारे ट्रॉफी में मणिपुर के खिलाफ 150 रन और 5 विकेट लेने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने। इससे उनकी पहचान देशभर में बनी, लेकिन आईपीएल ने उन्हें स्टार बनाया।
जैसा कि मशहूर डायलॉग है ‘हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं’ वैसा ही कुछ शशांक ने आईपीएल 2025 के फाइनल में कर दिखाया। उन्होंने पंजाब के लिए आखिरी गेंद तक लड़ाई लड़ी। भले ही टीम 6 रन से हार गई, लेकिन शशांक ने तूफानी बल्लेबाज़ी से हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया। तीन छक्कों और एक चौके के साथ जब उन्होंने आखिरी ओवर में 22 रन बटोरे, तो पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा। ऐसे में अगर उन्हें फाइनल का ‘बाज़ीगर’ कहा जाए, तो यह बिल्कुल सही होगा।
शशांक सिंह भले ही अब तक भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए हों, लेकिन उन्होंने यह साबित कर दिया कि जुनून, मेहनत और हौसले से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। आज भिलाई ही नहीं, पूरा छत्तीसगढ़ उनके प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहा है।