सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार शादी को ‘सात जन्मों का रिश्ता’ माना जाता है। हिंदू धर्म में जब दो अजनबी अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे और सात वचन लेते हैं, तो तन, मन और आत्मा से सात जन्मों के बंधन में बांध जाते हैं। हिंदू धर्म में शादी के बाद तलाक का भी कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसे मामला तेजी से बढ़ रही हैं, जिसमें महिलाएं अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने सुहाग की हत्या कर करा रही हैं।
इंदौर का राजा रघुवंशी हत्याकांड हो, मेरठ का सौरभ राजपूत हत्याकांड हो या फिर यूपी के औरैया का दिलीप हत्याकांड। इन सभी में पत्नियों ने अपनी पति की हत्या करा दी। इन वारदातों ने देश के लोगों के जज्बातों को पूरी तरह से झंझोड़ दिया। सोशल मीडिया पर सवाल उठा है कि आखिर लड़कियां सभ्य और अच्छा कमाने वाले लड़कों की जगह, नशेबाज और आपराधिक मानसिकता वाले लड़कों को क्यों चुन रही हैं? ये सवाल इंदौर, मेरठ और औरैया में हुए तीन बड़े हत्याकांड के बाद उठा है।
सोनम रघुवंशी ने राज कुशवाह के लिए अपने हनीमून पर पति राजा रघुवंशी की हत्या कराई। राजा रघुवंशी एक सम्पन्न परिवार से था और अपना खुद का ट्रांसपोर्ट का कारोबार था। जबकि राज कुशवाह सोनम के पिता की दुकान में काम करता था।
सौरभ राजपूत हत्याकांड
मेरठ का सौरभ राजपूत हत्याकांड भी ऐसा ही है। मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपनी पति सौरभ राजपूत की हत्या की थी। सौरभ पढ़ा-लिखा था। मर्चेंट नेवी में काम कर चुका था और लंदन की एक बेकरी में काम करता था, जबकि साहिल नशेबाज और बेरोजगार था। साहिल और मुस्कान ने सौरभ की हत्या कर शव को नीले ड्रम में डालकर ऊपर से सीमेंट भर दिया था।
यूपी के औरैया में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां एक प्रगति नाम की महिला ने अपने प्रेमी अनुराग से साथ मिलकर पति दिलीप की हत्या करा दी। जिस प्रेमी के लिए प्रगति ने पति की हत्या कराई वो अनुराग बेरोजगार है, लेकिन दिलीप का अपना बिजनेस था।
क्या लड़कियों को पसंद आ रहे Bad Boys?
इन तीन हत्याकांड के बाद सवाल उठा है कि क्या लड़कियों को Bad Boys पसंद आ रहे? क्योंकि नशेबाज और आपराधिक प्रवृत्ति के लड़कों को सभ्य समाज में Bad Boys ही कहा जाता है। यह एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है, जिसके पीछे कई सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं। हाल में सामने आए राजा रघुवंशी हत्याकांड, सौरभ राजपूत हत्याकांड और दिलीप हत्याकांड में पत्नियों ने हत्या ऐसे लोगों की वजह से कराई जो बेरोजगार, नशेबाज और आपराधिक प्रवृत्ति के थे। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर मामला व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
परिजनों की भी जिम्मेदारी बनती है कि सामाजिक दबाव का हवाला देकर अपने बच्चों की जबरन शादी ना करें। शादी से पहले एक बार बच्चों की पसंद-नापसंद जरूर पूछें, ताकि कई जिंदगियों को तबाह होने से रोका जा सके।
‘बेरोजगार’ प्रेमियों के लिए सुहाग का कत्ल?
कई मामलों में देखा गया है कि पत्नियां अपने प्रेमियों के साथ भावनात्मक या शारीरिक संबंधों के कारण पति से दूरी महसूस कर सकती हैं। पति जब इन अवैध संबंधों का विरोध करता है, तो रिश्तों में तनाव बढ़ता है। आधुनिक समाज में रिश्तों की प्रकृति तेजी से बदल रही है। लिव-इन रिलेशनशिप, प्रेम विवाह और अवैध संबंधों को लेकर समाज में स्वीकार्यता बढ़ रही है, लेकिन साथ ही यह तनाव और हिंसा का कारण भी बन सकता है। कुछ मामलों में मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं।
किसी भी भारतीय नागरिक को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 103 में हत्या एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन हो सकता है।