रायपुर : बेंद्री गांव की निवासी रेशमा साहू के जीवन में बदलाव आया है। अब वे गुलाबी ई-रिक्शा के माध्यम से अपने सपनों की उड़ान भर रही हैं। पहले उनके परिवार में कोई आमदनी नहीं थी, लेकिन अब प्रतिदिन 500 से 600 रुपये कमा रही हैं। ऐसी ही कहानी केंद्री गांव की मीना वर्मा की है।
बता दें कि इन आर्थिक रूप से सशक्त बनीं महिलाओं के जीवन में आया यह बदलाव बिहान छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आया है। इसके अंतर्गत अभनपुर और आरंग ब्लाक के तूता, केंद्री, निमोरा, कुर्रू, चेरिया और बेंद्री की 40 महिलाओं को 40 इलेक्ट्रिक आटो मुफ्त में सौंपे गए हैं।
महिला आटोचालकों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे गाड़ी चला पाएंगी। अब वे न केवल अपनी गाड़ी चला रही हैं, बल्कि आनलाइन बुकिंग भी कर रही हैं। उनके आटो चलाने से गांव की बेटियां भी प्रेरित हो रही हैं। एक महिला चालक ने कहा, ‘हमें गर्व होता है जब लोग कहते हैं कि दीदी, आप अच्छा चला रही हैं।’
नवा रायपुर के विकास में महिला आटोचालक भी सहभागी बनी हैं। यहां रेलवे स्टेशन खुलने के बाद से विकास के द्वार भी खुल गए है। व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी के साथ संचालित होंगी। नवा रायपुर में एयरपोर्ट से सीबीडी रेलवे स्टेशन या जंगल सफारी, मंत्रालय, पुरखौती मुक्तांगन, शासकीय विभागों के दफ्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जाना आसान हो गया है। एनआरडीए ने ग्रामीण महिलाओं के हाथों में पिंक ई-रिक्शा की चाबी सौंपी है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के साथ आर्थिक तरक्की भी आसान हो जाएगी।
नवा रायपुर में शानदार सड़कें निर्माण की गई हैं, लेकिन छोटी दूरियों और प्रमुख स्थानों तक आवाजाही में नागरिकों को पहले दिक्कतें होती थी। पहले बस के बाद आवाजाही के सुगम साधन नहीं थी, लेकिन अब सुगम साधन बन चुके है। पिंक ई-रिक्शा काफी मददगार साबित होगा।
इस योजना का उद्घाटन 11 अप्रैल 2025 को राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा किया गया। उनके साथ वित्त एवं आवास मंत्री ओपी चौधरी भी उपस्थित हुए। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण और स्मार्ट सिटी के समावेशी विकास की दिशा में एक अहम पहल बताया।