बस्तर : जिले में किसानों को ऊंचे दाम पर खाद और बीज बेचने के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। बावजूद इसके कृषि विभाग कार्यवाही के नाम पर केवल औपचारिकता निभाता रहता है। इसी वजह से व्यापारियों के हौसले बुलंद हैं और नियमों को ताक में रखकर व्यापारी किसानों की जेब ढीली करते रहते हैं।
आलम यह है कि बिना लाइसेंस ह रेट से ज्यादा रेट पर खाद बेचने के बाद भी व्यापारी 5 से 25000 जुर्माना पटाकर बिना किसी डर से अपनी मर्जी से फिर व्यापार करने में जुड़ जाते हैं, जब तक कि दोबारा विभाग छापामार कार्रवाई न करें। हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों ने करीब 50 टन खाद की जप्त करते हुए आगे की कार्यवाही को लेकर 6 मामले कलेक्टर कोर्ट में दायर किए थे, जहां सुनवाई के बाद व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर केवल पांच 5000 का जुर्माना लगाया गया।
वर्ष 2021-22 में जहां 3 कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने 40 टन खाद की जब्ती करने के बाद मामले को कलेक्टर न्यायालय में भेजा वहां अब तक केवल 2 मामलों में सुनवाई की गई है। वर्ष 2022 में तीन व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए करीब 5 टन से ज्यादा खाद की जब्ती करने के लिए मामला दायर किया गया है, जिसकी सुनवाई अभी होनी बाकी है। इतना ही नहीं बीज कारोबार करने वाले जिन कारोबारियों का लाइसेंस डीडीए ने निरस्त किया उसे ज्वाइन डायरेक्टर ने बहाल कर दिया। इससे यह पता चलता है कि व्यापारियों पर कार्रवाई को लेकर विभाग में भी समन्वय नहीं है और प्रकरण बनाते वक्त इस मामले में लापरवाही बरती जाती है।