रायपुर: छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां के ज़्यादातर लोग गांवों में निवास करते हैं और अपना जीवनयापन के लिए कृषि पर ही निर्भर हैं। मध्य छत्तीसगढ़ से परे उत्तरी छत्तीसगढ़ के पांच जिले व दक्षिणी छत्तीसगढ़ के 6 जिले वन संपदा व पर्वत से घिरे हुए हैं। बावजूद इसके यहां की धरती धान और अन्य फसलों से लहलहा रही है। कृषि यहां की पहचान है। कृषि के अलावा भिलाई का स्टील प्लांट, बैलाडीला का लोहा, कोरबा में बिजली व देवभोग में हीरा आदि से सबंधित उद्योग भी देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति अत्यंत आकर्षक है। विषय जब लोक संस्कृति हो तो यहां की विशिष्ट विधाओं में से एक है पारम्परिक खेल।
पारम्परिक खेल वह खेल है, जिसे हम अपने पूर्वजों के जमाने से खेलते आ रहे हैं। खेल की परम्परा हज़ारों वर्ष पुरानी होती है, जिसके न जन्मदाता का पता होता है और न जन्मभूमि का। खेल किसी भी पुरस्कार या उपलब्धि की चाह के बिना मात्र खिलाड़ियों के मनोरंजन हेतु खेलते-खेलते एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होते रहे हैं, जिसके लिए न खिलाड़ी शब्द अनिवार्य होता है और न ही प्रशिक्षण। ये खेल सैकड़ों, हज़ारों वर्षों से मानव समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी विकास करते आ रहे हैं। इन खेलों में न विशेष नियम होते हैं न विशेष शर्तें। इन्हें हम जन-जन का खेल या ग्रामीण खेल भी कहते हैं। (Chhattisgarhiya Olympics 2023) जन साधारण द्वारा सहज रूप से खेले जाने के कारण इनमें सामग्री तथा खिलाड़ियों की संख्या सुनियोजित न होकर त्वरित उपलब्धि के आधार पर तय होती है। लोक खेलों में स्वस्थ मनोरंजन की अनुभूति खिलाड़ियों का लक्ष्य होती है किसी प्रकार का पुरस्कार या उपलब्धि नहीं।
इन्ही परिकल्पनाओं को साकार करने और पुरानी खेल परंपराओं को सहेजने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन शुरू किया। इस आयोजन को शुरू करने का निर्णय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 6 सितंबर 2022 को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बच्चों से लेकर 100 साल तक के बुजुर्ग हिस्सा ले सकते हैं और अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी को छत्तीसगढ़ का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। यानी केवल छत्तीसगढ़ के निवासी ही इस खेल आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं। इस तरह इसका मूल उद्देश्य स्थानीय लोगो में अपने पारम्पारिक खेलो के प्रति रुझान बढ़ाना और उन्हें प्रेरित करना हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने राज्य के ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों के लोगों के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल 2023 का आयोजन करने का निर्णय लिया गया था। इसमें छत्तीसगढ़ की पारम्परिक 14 खेल विधाओं को शामिल किया गया है। इनमें गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लम्बी कूद शामिल है। इसमें 18 वर्ष तक, 18 से 40 और 40 वर्ष से अधिक इन तीन आयु वर्ग के महिला एवं पुरुष प्रतिभागी हिस्सा ले सकेंगे। सरकार इस ओलंपिक खेल आयोजन में तकनीकी सहायता के लिए छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के खेल प्रशिक्षक, राज्य एवं जिला खेल संघ के प्रतिनिधि और शिक्षा विभाग के शारीरिक शिक्षकों का सहयोग ले सकेंगे। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों का आयोजन चार स्तरों ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर किया जाता हैं। इस ओलंपिक खेल की सबसे बड़ी खास बात यह है कि सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी इस खेल आयोजन के माध्यम से अपनी खेल प्रतिभाओं को सामने लाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया गया है। इस बार का बजट 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ रुपए का है। जोकि अब तक का सबसे बड़ा बजट है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा इस बजट के दौरान पारंपरिक खेलों को पहचान देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल 2023 के अंतर्गत 25 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। जिससे राज्य के ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों के लोगों को स्थानीय एवं पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रतिभाशाली एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में अपना कैरियर बनाने का एक सुनहरा मौका मिलेगा।
इन सबके अलावा सरकार ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर जो बड़ा फैसला लिया हैं वह यह हैं की राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिए अलग-अलग कमेटियां गठित की जाएंगी। राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच होंगे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकास खंड अधिकारी को बनाया जाएगा। सरकार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल 2023 में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के भोजन,आने-जाने और अन्य सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायतों और विकास खंडों के लिए बजट उपलब्ध करवाईगी।
सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजनों का खाका पेश करते हुए कई जानकारियां भी साझा की। उन्होंने बताया कि 2022-23 सत्र में इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेश के सभी जिलों के लगभग 1900 प्रतिभागी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही। बात करें मौजूद सत्र में इसके आयोजन की तो इस साल छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरुआत इस साल के हरेली यानी जुलाई 2023 से शुरू किया जायेगा।