रायपुर : गांव-गरीब और किसान के उत्थान को विकास के पैमाने पर सर्वोपरि मानने वाले छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल अपने कार्यकाल में प्रदेशवासियों के लिए कई फैसले लिए हैं। अपने कार्यकाल के दौरान सीएम भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने खासकर गरीब, निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार, किसान, मजदूर, महिलाएं, बेरोजगारों और कर्मचारियों समेत सभी लोगों का पूरा ध्यान दिया है। भूपेश है तो भरोसा है के नारे को सीएम ने कारगर साबित कर दिया। एक ओर जहां 2500 रुपए धान खरीदी कर किसानों को आर्थिक रुप से सशक्त किया, वहीं दूसरी ओर भूमिहीन मजदूरों को हर साल 6 हजार रुपए देकर उनके आर्थिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार को लेकर लिए गए फैसलों से छत्तीसगढ़वासी सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गए हैं। इसकी बानगी आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में देखने को मिलती है। भूपेश सरकार की सबसे बड़ी सफलता तो यही है कि छत्तीसगढ़वासी अपने अधिकारों, अवसरों और वास्तविक तरक्की को महसूस कर रहे हैं। हर एक छत्तीसगढ़िया कुछ सार्थक बदलाव करने में सफल हुए हैं। आज छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा देश और दुनिया में हो रहा है।
भूपेश सरकार अपनी योजनाओं में हमेशा से किसानों को केंद्र में रखी है। सीएम भूपेश का कहना है कि यदि किसान समृद्ध होंगे तो प्रदेश का हर वर्ग समृद्ध होगा। किसानों के मेहनत को सही दाम देने के लिए भूपेश सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की। इसके तहत किसानों से 2500 रुपए में धान की खरीदी की जाती है। प्रदेश के लाखों किसानों की खुशी उस वक्त बढ़ गई, जब सीएम ने विधानसभा से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का ऐलान किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले से आने वाले समय में प्रदेश के किसान और अधिक खुशहाल बनेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में बीते चार सालों में धान खरीदी की व्यवस्था को इतना सुदृढ़ और बेहतर किया गया है कि किसानों को धान बेचने और भुगतान प्राप्त करने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ के किसानों के सर से कर्ज का बोझ हटाने के लिए भूपेश सरकार ने किसान कर्ज माफी की घोषणा की। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने तुरंत बाद सीएम बघेल मंत्रालय पहुंचे और किसानों के कर्जमाफी के प्रस्ताव पर दस्खत किए। 65 लाख किसानों के अल्पकालिक कृषि (फसल) ऋण को तत्काल माफ हुआ। भूपेश सरकार के इस फैसले से किसान न केवल कर्जदार के टैग से मुक्त हुए बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला। खास बात यह है कि इन चार वर्षों में 325 करोड़ रुपए के सिंचाई कर की माफी भी की गई है। यही नहीं, निजी कंपनियों द्वारा 1707 किसानों की अधिगृहीत 42 सौ एकड़ जमीन उन्हें वापस करवाई गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के जरिये जिस समृद्धि की नींव रखी थी, अब वह साकार होती दिख रही है। ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव आने लगा है। ग्रामीण इलाकों की पशुपालक गोबर बेचकर आर्थिक रुप से समृद्ध हो रहे हैं।ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव आने लगा है। किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं। गौठानों में गोबर की खरीदी कर रही समितियां आर्थिक रूप से सशक्त तो बन ही रही हैं, इसके साथ ही कई अन्य व्यवासयों से भी धन का लाभ रहे हैं। अब तक गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को अब तक लगभग 439 करोड़ 73 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को पूरा करने का संकल्प मुख्यमंत्री ने लिया और इसका क्रियान्वयन करने ऐसी अनेक जनहितकारी योजनाएं बनाई गई जिससे किसानों, महिलाओ और युवाओं को जोड़ा गया। राज्य में चल रही अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन का बीड़ा तो महिलाओं द्वारा संचालित स्वसहायता समूहों ने उठाया है और वो बड़े ही संगठित रूप से कार्य कर अपनी ज़िम्मेदारी निभा रही है। नरवा कार्यक्रम के तहतराज्य के लगभग 29000 बरसाती नालों को चिन्हित कर इस कार्यक्रम के तहत उनका ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। इससे वर्षाजल का संरक्षण होने के साथ-साथ संबंधित क्षेत्रों का भू-जलस्तर सुधर रहा है। गरवा कार्यक्रम के तहत पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गौठान बनाकर वहा पशुओं को रखने की व्यवस्था की गई हैं। घुरवा कार्यक्रम के माध्यम से जैविक खाद का उत्पादन कर इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बाड़ी को बारी कहा जाता है। ग्रामीणों के घरों से लगी भूमि में 3 लाख से अधिक व्यक्तिगत बाडियों को विकसित किया गया है। साथ ही गौठनो में बनाई गई करीब 4429 सामुदायिक बाड़ियों के जरिये फल साग-सब्जियों के उत्पादन से कृषकों को आमदनी के साथ-साथ पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
सरकारी कर्मचारियों को भी भूपेश सरकार ने अपने साढ़े चार सालों के कार्यकाल के दौरान कई तोहफे दिए है। समय-समय पर तो महंगाई भत्ता बढ़ा ही, इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करके सरकारी कर्मचारियों के आने वाले भविष्य को सुरक्षित किया। छत्तीसगढ़ के लाखों सरकारी कर्मचारियों के जीवन में उस दिन बहार आई, जिस दिन सीएम भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन योजना को राज्य में फिर से बहाल करने की घोषणा की थी। मार्च 2022 को सीएम भूपेश ने पुरानी पेंशन योजना के बहाल करने का ऐलान किया था। इसके बाद इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया। सीएम भूपेश के घोषणा के बाद प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। सरकार ने नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से हो रही 10% की कटौती को भी बंद कर दिया गया। इससे कर्मचारियों को राहत भी मिली है।