रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग में पदस्थ महिला अधिकारी शमा फारुकी एक बार फिर सुर्खियों में है। शमा फारुकी शायद आपको याद न हो, लेकिन ये महिला अफसर जहां भी पोस्टेड रहीं बेहद चर्चा में रहीं हैं। शमा फारुकी इन दिनों मुंगेली जिले में पदस्थ हैं, जहां उनके खिलाफ अधिनस्त अधिकारी ने शिकायत की है और अपने पैसे दिलाने की मांग की है। बता दें कि इससे पहले कटघोरा में भी शमा फारुकी के कहर से हलाकान लोगों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने महिला अफसर के तबादले की मांग करते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। तो चलिए जानते हैं महिला अफसर शमा फारुकी के कारनामों के बारे में।
दरसअल मुंगेली जिले में पदस्थ रेंजर फेंकू राम ने महिला DFO शमा फारुकी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। रेंजर ने शिकायत में कहा है कि, वनमण्डलाधिकारी मुंगेली शमा फारूकी हर सप्ताह राशन का सामान रेंजर से मंगवाती है। शमा बाद में पैसा देने की बात कहकर चली जाती है। ऐसा करते हुए शमा ने गैस सिलेण्डर, साग-सब्जी, फल, अण्डा, मछली, चिकन, बकरा मीट, बिरयानी, बच्चों के लिए खिलौना सहित कुल 90 हजार रुपए का सामान लिया। इसके अलावा एक महिला को 12 हजार में मालिश के लिए भी रखा, लेकिन शमा ने पैसा नहीं दिए। हर बार शमा बाद में पैसे दे दूंगी कहकर बात टालती रही। इसके अलावा एक महिला को 12 हजार में मालिश के लिए भी रखा, लेकिन शमा ने पैसा नहीं दिए। हर बार शमा बाद में पैसे दे दूंगी कहकर बात टालती रही।
शमा फारुकी की पिछली पोस्टिंग पर गौर करें तो वो इससे पहले कोरबा जिले के कटघोरा में पदस्थ थीं। यहां भी उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा। लोग हलाकान हो चुके थे, जिसके चलते आंदोलन की तैयारी कर रहे थे। लोग प्रशासन से शमा फारुकी के तबादले की मांग कर रहे थे। स्थानीय लोगों को उग्र होता देख आखिकर प्रशासन को शमा फारुकी का तबादला करना ही पड़ा। बताया जाता है कि यहां भी मैडम के शान-ओ-शौकत में कोई कमी नहीं थी। लेकिन यहां भी वो कर्मचारी का पैसा गबन कर गईं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शमा फारुकी एक महिला को अपने घर के कामकाज और बच्चे को संभालने के लिए काम पर रखा था। इस कार्य के लिए 10 हजार रुपए प्रतिमाह मेहनताना उसे दिया जा रहा था। महिला ने शमा फारुकी के घर पर मार्च 2020 से 30 दिसंबर 2020 तक कार्य किया। 30 दिसंबर को महिला मजदूर ने डीएफओ मैडम से अपनी मजदूरी का हिसाब मांगी तो पैसा नहीं दिए। पीड़िता के मुताबिक उसका भी 4 माह का वेतन बकाया है और डीएफओ ने मजदूरी देने से साफ इंकार कर दिया
बताया जा रहा है कि मुंगेली शमा फारुकी ने एक महिला को 12000 रुपए सैलरी में सिर्फ मालिश करवाने के लिए रखा है। वैसे इस बात की चर्चा तो कटघोरा में बेहद जोरों पर थी कि मैडम शमा फारुकी मालिश करवाने की बेहद शौकीन हैं और वो महिला मजदूर से लगभग रोजाना मालिश करवाती थीं।
बताया गया कि तत्कालीन कोरबा कलेक्टर ने स्कूल बनाने के लिए तत्कालीन कटघोरा डीएफओ शमा फारुकी से छह हेक्टेयर जमीन की मांग की थी। जवाब में वन अधिनियम का हवाला देते हुए शमा फारुकी ने जमीन प्रदान करने में असमर्थता जाहिर की थी। तब कलेक्टर ने किश्तों में जमीन का आवंटन करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन इस पर भी शमा फारुकी राजी नहीं हुई और मामले ने तूल पकड़ लिया। शमा के कार्यकाल में केवल एकलव्य मामला ही नहीं बल्कि इससे भी बढ़ कर निर्माण संबंधी मामलों भर्राशाही की शिकायतें मिलती रहीं। वन मंडल में 50 से भी अधिक तालाबों को एक्सिवेटर से कराया गया था, जिसमें भुगतान मजदूरों के नाम पर की गई। चैतमा रेंज छात्राओं से मजदूरी कराने का कारनाम सामने आया है तो दिव्यांगों का भी नाम फर्जी मस्टरोल में शामिल था। जटगा सहित चैतमा में 70 लाख का फर्जी भुगतान हुआ। मामला सामने आने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। तीन साल के भीत 50 करोड़ का फर्जी भुगतान हुआ।