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इस दिन से शुरू होने जा रही है कांवड़ यात्रा, सावन माह में बनेगा बेहद दुर्लभ योग; कुल 59 दिनों का होगा महीना

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मानसून के आगमन के साथ ही अब सबको बेसब्री से सावन का महीना शुरू होने का इंतजार है. यह महीना शुरू होते ही पवित्र कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हो जाएगी. इस पूरे महीने श्रद्धालु हरिद्वार और गंगोत्री से कांवड़ अपने कंधों पर धारण करके पैदल ही अपने गांव के मंदिरों की ओर निकल पड़ते हैं. इस कांवड़ में मां गंगा का पवित्र जल भरा होता है, जिसे शिवरात्रि के दिन गांव में बने मंदिर के शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है.

इस दिन से शुरू होगी कांवड़ यात्रा

ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक इस बार सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू (Kanwar Yatra 2023 Starting Date) होने जा रहा है.  जाएगा. हिंदू धर्म में सावन बहुत पवित्र महीना माना जाता है. सावन की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो जाती है. सावन में शिव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कई भक्तगण पैदल कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2023) पर निकलते हैं और गंगा नदी का पवित्र जल कांवड़ में भरकर लाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है. वे इस महीने में मस्त मलंग होकर झूमते हैं और जो कांवड़िया सावन की शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. उस पर भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है.

कुल 59 दिनों का होगा सावन महीना

धार्मिक विद्वानों के मुताबिक इस बार की कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2023) 4 जुलाई 2023 से शुरू होकर 15 जुलाई 2023 तक चलेगी. इस बार का सावन इस मायने में बेहद खास है कि यह 59 दिनों का रहने वाला है. यानी करीब 2 महीने तक भोलेनाथ की कृपा परिवार पर जमकर बरसेगी. इस कांवड़ यात्रा के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. इन नियमों का पालन न करने पर यात्रा का पुण्य फल खत्म हो जाता है और परिवार को दुख झेलना पड़ता है.

कांवड़ के दौरान इन नियमों का पालन

कांवड़ यात्रा के नियमों के अनुसार यात्रा पर जा रहे जातक और उसके परिवार को शुद्ध शाकाहारी रहना होता है. जब तक कांवड़िया कांवड़ लेकर घर नहीं आ जाता. तब तक परिवार के लोग किसी बच्चे या पशु-पक्षी को पीट नहीं हो सकते. यात्रा संपन्न होने तक परिवार के लोगों को रोजाना सुबह स्नान करके मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करना होता है. इसके साथ ही यात्रा संपन्न होने पर घर में हवन यज्ञ करवाकर भोलेनाथ का धन्यवाद करना होता है.