रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह बदलिस महिला मन के तकदीर…. विकास की नई ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लेकर सुदृढ़ ग्रामीण अर्थव्यवस्था व आत्मनिर्भरता को नई दिशा देने वाली सीएम भूपेश की यह विशेष पहल है। कृषि आधारित मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण छत्तीसगढ़ पूरे देश में विख्यात है। भूपेश सरकार ने अपने प्रदेशवासियों से किए तमाम बड़े वादों को पूरा करके दिखाया है।
पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान भूपेश सरकार की कोशिश रही है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राज्य की शहरी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए सीएम ने शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने ऐसी योजनाएं संचालित की, जिनसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सके।
भूपेश सरकार की पहल से महिलाएं अब स्व-सहायता समूह में काम करके आमदनी में वृद्धि कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। भूपेश सरकार की ग्रामीण आजीविका मिशन से महिलाओं को मदद मिली है। भूपेश सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना गांव और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाने माध्यम साबित होने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गांवों के गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क गांवों को अब उत्पादक केन्द्र का रूप देने लगे है। प्रदेशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भूपेश सरकार ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के तहत लोगों को रोजगार दिया। वहीं राज्य की नई औद्योगिक नीति की तर्ज पर ग्रामीण उद्योग नीति बनाई, जिससे आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी जड़ से मजबूत हो सके।
हाल ही में रीपा में दोना पत्तल की मशीन लगायी गयी है। अब रीपा के तहत स्थापित दोना पत्तल मशीन के आ जाने से ग्रामीण महिलाओं को काफी सहूलियत हुई है। प्रशासन से प्रशिक्षण के बाद काम भी शुरू कर दिया गया है। समूह द्वारा तैयार किया गया दोना पत्तल की मांग आसपास के गांव तथा शहर में की जा रही है। समूह की महिलाओं ने कहा उनका दोना पत्तल का काम काफी अच्छे से चल रहा है। इससे समूह को काफी फायदा हो रहा है।
भूपेश सरकार ग्रामीणों के विकास के लिए किसानों की ऋण माफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, गौठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, हाट बाजार क्लीनिक योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क जैसी विभिन्न योजनाओं से छत्तीसगढ़ को नवा और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाया गया है।
प्रदेश के विकास के लिए सीएम भूपेश बघेल ने गांधी जी के मूलमंत्र अपनाया है। उन्होंने कहा कि श्रम का सम्मान, इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजनाएं बना कर संचालित कर रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए। ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। भूपेश सरकार ने महात्मा गांधी के गांव को आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा करने के लिए इस योजना की शुरुआत की। इसके तहत गांव के परंपरागत व्यवसायियों को एक सुअवसर मिला है, जिससे वे अपने परंपरागत व्यवसाय के जरिए स्वयं के साथ-साथ गांव को भी आत्मनिर्भर बना सकें। छत्तीसगढ़ में गौठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने की परिकल्पना अब धीरे-धीरे आकार लेने लगी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरुप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गांवों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योग स्थापित कर लोगों को रोजगार और आमदनी के साधन से जोड़ा जा रहा है।
इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि RIPA के कारण राज्य का हर एक गांव आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हो। वहीं इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के चयनित गौठानों को रूलर इंडस्ट्रियल पार्क RIPA यानी आजीविका के केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह योजना राज्य के ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को बेहतर रोजगार प्रदान करने का काम कर रही है।
एकीकृत राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन अंतर्गत मशरूम उत्पादन एवं स्पान उत्पादन इकाई का निर्माण किया गया है, जिसका क्रियान्वयन लक्ष्मी स्व सहायता समूह कुलगांव द्वारा किया जा रहा है।
गांधी ग्राम कुलगांव परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से मछली आहार बनाने की इकाई, मशरूम उत्पादन, स्पान उत्पादन की इकाइयां स्थापित की गई है। इसके अलावा यहां मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन और वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। ये सभी कार्य स्थानीय स्व सहायता समूह के लोगों के द्वारा किए जा रहे हैं।
मुर्गी पालन और अंडा उत्पादन का काम आधुनिक तरीके से किया जा रहा है। यहां महिला समूह द्वारा लेयर फार्मिंग व अंडा उत्पादन हो रहा है। इसकी खपत भी आंगनबाड़ियों में की जा रही है। यह शीतला समूह द्वारा चलाया जा रहा है। यहां मछली आहार भी तैयार करने किया जाता है। पूजा समूह की महिलाएं इस इकाई का संचालन कर रही हैं।
कृषि विभाग द्वारा दाल मिल एवं मसाला उद्योग स्थापित किया गया है, जिसका संचालन जय सरस्वती महिला समूह के सदस्यों द्वारा की जा रही है।
गोधन न्याय योजना के तहत इस गौठान में वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है।
इस इकाई को डीएमएफ मद से अप्रैल 2022 में प्रारंभ किया गया था, जिसका संचालन कुलगांव की जय बूढ़ादेव स्वसहायता समूह की लगभग 10 महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। इस यूनिट की स्थापित क्षमता 9600 पत्तल प्रतिदिन की है। यहां महिला स्वसहायता समूह द्वारा कोदो चावल भी तैयार किया जा रहा है। समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के साथ बाजार में होटल संचालन भी किया जाता है। कुलगांव में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ढेंकी से चावल निकालने का काम भी किया जा रहा है। ढेंकी के चावल में चावल की गुणवत्ता सुरक्षित रहती है।
यहां बनाए गए हथकरघा वस्त्र प्रशिक्षण केंद्र में महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। साथ ही यहां बकरी पालन आदि की गतिविधि भी की जा रही है। कुलगांव में चिरौंजी प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित किया गया है।
भूपेश सरकार का अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क शुरू करने का मुख्य उद्देश्य शहरी-गरीब परिवारों के लिए रोजगार एवं उद्यमिता के माध्यम से अतिरिक्त आय के साधन विकसित करना। भूपेश सरकार द्वारा प्रति इंडस्ट्रियल पार्क 2 करोड़ रुपए की राशि संबंधित निकायों को प्रदान की जा रही है। अब शहरी क्षेत्रों में स्टार्टअप उद्यमियों तथा स्वसहायता समूहों को रोजगार के बेहतर विकल्प दिए। सीएम बघेल की ये मंशा रही कि गांवों के साथ-साथ शहरी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए।
शहरी क्षेत्रों में कुटीर एवं सेवा क्षेत्रों के लिए प्लग एंड प्ले आधारित उद्योग क्षेत्र एवं वातावरण विकसित करना है। शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क में उद्यम विकास के लिए असीम संभावनाएं मौजूद हैं। सीएम बघेल की इस विशेष पहल से अब अर्थव्यवस्था को नई गति प्राप्त होगी। शहरी और ग्रामीणों ने लघु उद्यमियों में अपना रूझान दिखाया है। युवाओं के रोजगार के लिए भूपेश सरकार द्वारा मजबूत कदम बढ़ाए गए हैं। युवा अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क में कार्य करने के लिए उत्सुक एवं सक्रिय हैं।