नई दिल्ली. 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने आखिरी संबोधन में कई मुद्दों का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा. इसके अलावा पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत का दावा भी कर दिया. पीएम मोदी ने 90 मिनट तक राष्ट्र को संबोधित किया. आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की खास बातें…
महिला नेतृत्व वाला विकास एवं मणिपुर
प्रधान मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए की और कुछ ही मिनटों में मणिपुर की स्थिति पर बात की. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, दो कुकी महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो का संदर्भ देते हुए, पीएम ने कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ खड़ा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर-पूर्वी राज्य में शांति लौट रही है. इसके अलावा समाज में महिलाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने पिछले पांच वर्षों में देश में हुए महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा कि 2 करोड़ महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना उनका सपना है.
आतंकवाद पर प्रहार
अपने भाषण में, पीएम मोदी ने 26/11 सहित कई आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि सिलसिलेवार विस्फोटों और आतंकवाद का युग लंबे समय से चला गया है, जिसने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन को हिलाकर रख दिया था. 140 करोड़ भारतीयों को अपना परिवारजन बताते हुए पीएम ने कहा, ‘मेरे प्रिय परिवारजनों, हम आए दिन बम धमाकों की घटनाओं के बारे में सुनते रहते थे. संभावित बम की आशंका के बारे में लोगों को सचेत करने वाली घोषणाएं होती थीं. वहां चेतावनी लिखी रहती थी कि ‘इस बैग को मत छुओ’ आदि… जब कोई देश सुरक्षित होता है, तो वह लगातार प्रगति करता है. सिलसिलेवार बमबारी के दिन अब ख़त्म हो गए हैं.”
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना
प्रधान मंत्री के भाषण में एक प्रमुख राजनीतिक संदेश भ्रष्टाचार और घोटालों के सुर्खियों में रहने के दिनों से 180 डिग्री का बदलाव था. उन्होंने घोषणा की, “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहना मेरे जीवन की प्रतिबद्धता है.” इसे तीन “बुराइयों” में से एक बताते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत को विकसित करने के लिए “सुचिता (ईमानदारी), परदर्शिता (पारदर्शिता), और निष्पक्षता (निष्पक्षता)” को बढ़ावा देना भारत की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने अपनी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला.
परिवारवाद पर बोला हमला
प्रधानमंत्री ने भाई-भतीजावाद और वंशवाद की राजनीति पर भी कड़ा प्रहार किया और इसे दूसरी बुराई बताया. भारत से वंशवादी राजनीति से छुटकारा पाने का आग्रह करते हुए, पीएम मोदी ने “कुछ राजनीतिक दलों” पर निशाना साधा, उन्होंने कहा, ” जिनका मंत्र परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए” था. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, “आज, परिवारवाद (वंशवाद की राजनीति) और तुष्टिकरण ने हमारे देश को नष्ट कर दिया है. किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है?” हालांकि पीएम मोदी ने किसी भी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कई मौकों पर कांग्रेस पर गांधी परिवार की मजबूत पकड़ की ओर इशारा किया.
तुष्टीकरण विरोधी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए तुष्टीकरण की राजनीति का जिक्र किया. इसे तीसरी बुराई बताते हुए पीएम ने कहा, ‘तीसरी बुराई तुष्टिकरण है, जिसने राष्ट्रीय चरित्र पर धब्बा लगा दिया है… मेरा दृढ़ विश्वास है कि जब देश 2047 में आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा, तो देश एक विकसित भारत होगा. मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं. लेकिन समय की मांग तीन बुराइयों-भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण से लड़ना है.” पीएम ने अगले साल आम चुनाव से पहले अपना आखिरी स्वतंत्रता दिवस भाषण इस वादे के साथ समाप्त किया कि वह अगले साल लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए लौटेंगे.