हिंदू धर्म में व्रत-त्योहार का महत्व होता हैं इसमें सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखती है। शारदीय नवरात्रि के बाद अब महिलाएं करवा चौथ व्रत की तैयारियों में जुट जाएगी जो 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस व्रत में महिलाएं बिना कुछ खाएं और पिएं व्रत रखती है दिन भर के व्रत के बाद चांद और पति को देखकर व्रत खोला जाता है। इस करवा चौथ व्रत का महत्व काफी ज्यादा है इस दौरान सरगी खाने का नियम होता हैं जो व्रत शुरु होने से पहले महिलाएं कर लेती है ताकि दिन भर का व्रत बिना किसी परेशानी के पूरा हो सकें।
ऐसे में चलिए जानते है सरगी किस समय खाई जानी चाहिए और इसका क्या खास समय होता है…
जानिए क्या होता हैं सरगी का महत्व
करवा चौथ के व्रत के दौरान सुहागिन महिलाएं सरगी का सेवन करती है जिसे सुबह के समय पर लेना होता है। इस सरगी का सेवन करने से दिनभर एनर्जी मिलती हैं तो रात के समय व्रत खोलने के समय कोई परेशानी नहीं आती है। सरगी में दरअसल बहू के लिए फल, मिठाई, ड्राई फ्रूट्स, खीर, मट्ठी जैसी कई चीजें होती हैं। यहां पर सरगी को घर की बड़ी महिलाओं या सास के द्वारा व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को दिया जाता है। कई बार ऐसा होता हैं कि, जिन महिलाओं की सास नहीं होती वे अपनी जेठानी या घर की किसी बड़ी महिला से भी सरगी ले सकती हैं और उन्हें भी भेंट स्वरूप कुछ दे सकती हैं।
किस समय पर करें सरगी का सेवन
हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत की बात की जाए तो, यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवाचौथ मनाया जाता हैं इस का शुभ मुहूर्त बताया गया है। इसके अनुसार, करवाचौथ 20 अक्टूबर को सुबह 6:40 पर शुरू होगा और अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 पर खत्म हो जाएगा। ऐसे में करवाचौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) 20 अक्टूबर को ही रखा जाएगा और सरगी का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से 2 घंटे पहले होता है, करवाचौथ पर सूर्योदय का समय 6:25 होगा. ऐसे में 2 घंटे पहले 4:25 से 5:00 बजे तक महिलाएं सरगी खा सकती हैं। वहीं, पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5:46 से लेकर 7:02 तक रहेगा और चंद्रोदय का समय 7:54 के आसपास रहेगा।